iGrain India - सोची । भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय सम्बन्ध को मजबूत बनाने हेतु जोरदार प्रयास किया जा रहा है। इस श्रृंखला की एक बड़ी के रूप में भारत सबकांटीनेंट एग्री फाऊंडेशन (बीएसएएफ) ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच अंतर को पाटने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
इसके परिणामस्वरुप रूसी महासंघ एवं भारत सरकार के बीच रूस के ऐतिहासिक शहर 'सोची' में आयोजित एक कांफ्रेंस में उत्कृष्ट एवं उपयोगी बातचीत हुई।
मैनेजिंग डायरेक्टर विवेक अग्रवाल उस कांफ्रेंस में उपस्थित थे जहां उन्होंने बहुमूल्य इनपुट प्रदान किया। इस कांफ्रेंस में उपभोक्ता मामले सचिव निधि खरे, एडिशनल मैनेजिंग डायरेक्टर एस के सिंह तथा इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (इपगा) के प्रतिनिधि के साथ-साथ रूस के वरिष्ठ सम्बन्धित अधिकारी भी मौजूद थे।
भारत में दलहनों का उत्पादन कम तथा उपयोग ज्यादा होने से विदेशों से इसके आयात की आवश्यकता बनी रहती है। रूस दलहनों का एक महत्वपूर्ण निर्यातक देश है।
पहले भारत में वहां से थोड़ी-बहुत मात्रा में काबुली चना तथा कभी-कभार मसूर का आयात होता था। अब सरकार ने अक्टूबर 2024 तक के लिए पीली मटर तथा मार्च 2025 तक के लिए मसूर के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया है। 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में रूस दुनिया में मटर का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश बन गया और कनाडा को दूसरे नम्बर पर धकेल दिया।
रूस से भारत में पीली मटर का भारी आयात होने लगा है और मसूर के आयात में भी वृद्धि हुई है। आगामी महीनों में भारत को रूस इन दोनों दलहनों की आपूर्ति कर सकता है।
सोची कांफ्रेंस में इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में अच्छी एवं उपयोगी बातचीत हुई। भारत और रूस के बीच काफी अच्छी व्यापारिक सम्बन्ध हैं। वक्ताओं ने इसे महत्वपूर्ण बताते हुए इस सम्बन्ध को और भी प्रगाढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया।