iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2024-25 के सीजन हेतु देश में 45 लाख टन अरहर (तुवर) के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसे हासिल करने के लिए दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र तथा कर्नाटक पर विदेश रूप से ध्यान केन्द्रित करने का प्लान बनाया है।
2023-24 के सीजन में कम बिजाई एवं मौसम की प्रतिकूल स्थिति के कारण तुवर का घरेलू उत्पादन घटकर 30 लाख टन से भी नीचे आ गया जबकि सरकार ने 33-34 लाख टन के उत्पादन का अनुमान लगाया।
इसमें कोई संदेह नहीं कि तुवर का घरेलू बाजार भाव अत्यन्त ऊंचे स्तर पर होने से उत्पादकों को आकर्षक आमदनी प्राप्त हो रही है और इसलिए के इसका बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का भरपूर प्रयास करेंगे।
सौभाग्य से इस बार मौसम एवं मानसून की हालत भी अनुकूल रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऊंची उत्पादकता एवं कीट प्रतिरोधी किस्मों की तुवर की खेती का दायरा बढ़ने के आसार हैं जिससे उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी हो सकती है।
महराष्ट्र और कर्नाटक के लिए अनेक एहतियाती उपाए किए जाने की संभावना है। इसके अलावा मध्य प्रदेश गुजरात एवं आंध्र प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों में भी तुवर का अच्छा उत्पादन होता है।
पिछले दो साल से महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में तुवर का उत्पादन घट रहा है जबकि इस बार गिरावट को रोकने के लिए सरकार तीन वर्षीय क्षेत्रीय योजना पर काम कर रही है। 2021-22 से ही वहां तुवर का बिजाई क्षेत्र घट रहा है।
2023-24 में भी क्षेत्रफल करीब 2.25 लाख हेक्टेयर घट गया। सरकार की कोशिश वहां उत्पादक क्षेत्र बढ़ाने की रहेगी। किसानों को दलहन फसलों और खासकर तुवर की खेती से होने वाले फायदों के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है।
तुवर की खेती अगले महीने से आरंभ होने वाली है। मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून 30 मई 2024 को केरल पहुंच गया और उम्मीद है कि नियमित चाल के साथ यह कर्नाटक और महाराष्ट्र में निश्चित समय पर पहुंच जाएगा।
इससे किसानों को तुवर की बिजाई सही समय पर करने में सहायता मिलेगी और फसल की ठोस प्रगति भी सुनिश्चित हो सकेगी।