iGrain India - नई दिल्ली । विगत कुछ दिनों से ईसबगोल की कीमतों में गिरावट का दौर बना हुआ है। क्योंकि गत दिनों कीमतों में तेजी आने के कारण निर्यात मांग प्रभावित हुई है।
जिस कारण से विगत एक सप्ताह के दौरान ईसबगोल की कीमतों में 400/500 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है। सूत्रों का कहना है कि हाल-फिलहाल कीमतों में अधिक तेजी संभव नहीं है।
क्योंकि दूसरे वर्ष भी देश में ईसबगोल की पैदावार अधिक हुई है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में देश में ईसबगोल की पैदावार 25/26 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 70 किलो) की रही थाई जोकि वर्ष 2023 में 30/32 लाख बोरी एवं वर्ष 2024 में 38/40 लाख बोरी होने के अनुमान लगाये जा रहे हैं।
आवक
सूत्रों का कहना है कि हालांकि इस वर्ष पैदावार अधिक हुई है लेकिन कीमतों में मन्दा होने के कारण आवक आशानुरूप नहीं बढ़ रही है। नीचे भावों पर किसानों ने माल रोकना शुरू कर दिया है। ईसबगोल का मुख्यत उत्पादन राजस्थान एवं गुजरात में होता है।
चालू सीजन के दौरान राजस्थान में ईसबगोल का उत्पादन 23/25 लाख बोरी एवं गुजरात 15/17 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
व्यापारियों का कहना है कि राजस्थान की मंडियों में कुल उत्पादन का 45/50 प्रतिशत माल मंडियों में आ चुके है जबकि गुजरात की मंडियों में 70/75 प्रतिशत माल आ चुका है। वर्तमान में गुजरात को प्रमुख मंडी ऊंचा में ईसबगोल की आवक 11/12 हजार बोरी की हो रही है। जबकि राजस्थान की प्रमुख मंडी मेड़ता, नागौर, नौखा में आवक 1500/3000 बोरी की रह गई है।
भाव
वर्तमान में ऊंझा मंडी में ईसबगोल का भाव 14000/15300 रुपए प्रति क्विंटल बोला जा रहा है जोकि एक सप्ताह पूर्व 14500/16000 रुपए बोला जा रहा था।
राजस्थान की मेड़ता, नागौर मंडी में भाव 12500/14500 रुपए वर्तमान के चल रहा है जोकि एक सप्ताह पूर्व 13000/15200 रुपए बोला जा रहा था।
व्यापारियों का कहना है कि वर्तमान निर्यातक मांग का अभाव होने के साथ-साथ लोकल मांग भी प्रभावित हुई है। वर्तमान में मंडियों में भाव गत वर्ष के भावों से लगभग आधे रह गए हैं। उल्लेखनीय है कि जुलाई 2023 में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर ईसबगोल का भाव 26000/27000 रुपए बन गया था।