iGrain India - नई दिल्ली । केरल में 1 जून की नियत तिथि के बजाए 30 मई को ही दक्षिण-पश्चिम, मानसून के पहुंचने से इस बार राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों की बिजाई सही समय पर होने की संभावना है।
सूखाग्रस्त दक्षिण भारत में अगले कुछ दिनों के अंदर मूसलाधार बारिश होने का अनुमान है। केरल में वर्षा का दौर पहले से ही जारी है। मानसून आजकल में तमिलनाडु पहुंच सकता है।
इसके बाद कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार और बंगाल में इसकी पहुंच 15-20 जून तक हो जाएगी। मानसून का एक सिरा देश के पूर्वोत्तर भाग में पहुंच चुका है जहां भारी वर्षा से कई क्षेत्रों में भयंकर बाढ़ आ गई है।
खरीफ फसलों की खेती के लिए किसान पहले से ही आवश्यक तैयारी कर रहे हैं। धान की नर्सरी लगाई जा चुकी है और मानसून की पहली बारिश के साथ ही इसकी रोपाई आरंभ हो जाएगी।
इस बार क्षेत्रफल बढ़ने के आसार हैं क्योंकि चावल का बाजार भाव ऊंचे स्तर पर बरकरार है। दलहनों की खेती में किसानों का उत्साह एवं आकर्षण बढ़ने के आसार हैं।
तिलहन फसलों का रकबा काफी हद तक सामान्य रह सकता है जबकि कपास एवं गन्ना के क्षेत्रफल में कुछ कमी आने की आशंका है। मोटे अनाजों का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के आसपास ही रहने की उम्मीद है।
इसमें मक्का की बिजाई कुछ बढ़ सकती है क्योंकि भारी मांग एवं सीमित स्टॉक के कारण इसका भाव बढ़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ऊपर पहुंच गया है। मानसून तो सही समय पर आ गया। अब आगे अच्छी बारिश होने की आवश्यकता है।