iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय पूल के लिए गेहूं की सरकारी खरीद की गति काफी धीमी पड़ गई है और सरकारी क्रय केन्द्रों पर सीमित मात्रा में इसकी आवक हो रही है।
पिछले कुछ दिनों के अंदर महज 223 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं खरीदा गया। गत एक सप्ताह से इसकी औसत दैनिक खरीद सिर्फ 30-32 हजार टन दर्ज की जा रही है।
हालांकि सरकार ने इस वर्ष 373 लाख टन गेहूं की विशाल खरीद का लक्ष्य रखा है मगर वर्तमान आंकड़ों से पता चलता है कि 30 जून 2024 को जब खरीद की प्रक्रिया औपचारिक (आधिकारिक) तौर पर बंद होगी तब गेहूं की वास्तविक खरीद 270 लाख टन के आसपास ही पहुंच सकेगी। कुछ राज्यों में गेहूं खरीद की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है जबकि अन्य राज्यों में जल्दी ही खत्म होने वाली है।
हालांकि केन्द्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर इस वर्ष 2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है मगर थोक मंडी भाव इससे ऊपर चल रहा है और बड़े-बड़े उत्पादक आगामी महीनों में दाम और भी बढ़ने की उम्मीद से इसका स्टॉक दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान 30 मई की सुबह तक गेहूं की कुल सरकारी खरीद 263.99 लाख टन तक ही पहुंच सकी जो 23 मई तक की खरीद 261.76 लाख टन से करीब 2.23 लाख टन ज्यादा है।
हालांकि गेहूं की बिक्री के लिए 37.02 लाख से अधिक किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया तह मगर इसमें से केवल 20.89 लाख टन किसान ही अपना गेहूं बेच पाए है। इन किसानों को अब तक 56,771.8 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
गेहूं की सरकारी खरीद अभी नियत लक्ष्य से करीब 106 लाख टन पीछे है जबकि खरीद की गति अत्यन्त सुस्त है। ऐसी हालत में खरीद का लक्ष्य लगातार दूर होता जा रहा है।