iGrain India - ओटावा । नियमित अंतराल पर हुई बारिश से खेतों की मिटटी में नमी का अंश सुधरने के कारण कनाडा के किसानों को मसूर की बिजाई की रफ्तार बढ़ाने का अवसर मिल रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर अब तक वहां 85 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में मसूर की बिजाई हो चुकी है और यदि मौसम अनुकूल बना रहा तो शेष बिजाई भी 8-10 दिनों में पूरी हो जाएगी।
कनाडा के अनेक भावों में गत वर्ष से अधिक बारिश हुई है लेकिन जून एवं जुलाई में और भी वर्षा की जरूरत पड़ेगी क्योंकि उसके सहारे ही फसल का विकास-विस्तार हो सकेगा। जरूरत से ज्यादा वर्षा होने पर फसल में रोगों-कीड़ों का प्रकोप बढ़ने एवं उसकी उपज दर में गिरावट आने की आशंका रहेगी।
फिलहाल फसल की हालत अच्छी है और 1200 पौंड या 20 बुशेल प्रति एकड़ की औसत उपज दर हासिल हो सकती है जो कोरोना से पूर्व काल की औसत उपज 1350 पौंड (22 बुशेल) प्रति एकड़ से कम मगर पिछले दो-तीन वर्षों की तुलना में ज्यादा है।
मसूर का बिजाई क्षेत्र 40 लाख एकड़ के करीब रहने की संभावना है और इसके आधार पर वहां चालू वर्ष के दौरान 22.50-23,00 लाख टन मसूर के उत्पादन का अनुमान लगाया जा सकता है।
इसके तहत वर्ष 2023 की तुलना में 2024 के दौरान लाल मसूर का उत्पादन 12 लाख टन से उछलकर 14-15 लाख टन, मोटी हरी मसूर (लेयर्ड) का उत्पादन 40 प्रतिशत बढ़कर 4.50 लाख टन, छोटी हरी मसूर का उत्पादन 3.50 लाख टन एवं अन्य श्रेणी की मसूर का उत्पादन 40 हजार टन पर पहुंचने की उम्मीद है।
कनाडा में मसूर का सीमित स्टॉक बचा हुआ है जबकि इसकी विदेशी मांग भी कमजोर होने से कीमतों में काफी हद तक स्थिरता बनी हुई है। वहां रेल यूनियन की हड़ताल होने से मसूर का निर्यात कारोबार प्रभावित हो सकता है।