iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में गेहूं की आवक घटती जा रही है मगर ऊंचे दाम पर मिलर्स एवं व्यापारियों की खरीद की गति सुस्त रहने से 25-31 मई वाले सप्ताह के दौरान इसकी कीमतों में आमतौर पर गिरावट दर्ज की गई। कुछ मंडियों में भाव तेज भी हुआ।
दिल्ली
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 20 रुपए गिरकर 2580 रुपए प्रति क्विंटल रह गया जबकि इसकी औसत दैनिक आवक 5 हजार बोरी है।
गुजरात
गुजरात के राजकोट में गेहूं का भाव 250 रुपए प्रति क्विंटल और मध्य प्रदेश के बेंचमार्क इंदौर मंडी में 225 रुपए घटकर क्रमश: 2500/3000 रुपए प्रति क्विंटल एवं 2430/2875 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। लेकिन भारी गिरावट के बावजूद गेहूं का दाम सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा रहा।
मध्य प्रदेश
लेकिन मध्य प्रदेश की कुछ अन्य मंडियों में गेहूं का भाव तेज रहा। इसके तहत देवास में 300 रुपए प्रति क्विंटल तथा उज्जैन एवं भोपाल में 100-100 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा दर्ज किया गया। इटारसी में 40 रुपए की नरमी रही। नरमी का रुख राजस्थान में भी देखा गया जहां गेहूं का भाव कोटा में 50 रुपए, बारां में 25 रुपए तथा बूंदी में 75 रुपए कमजोर रहा। उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी गेहूं के दाम में नरमी या स्थिरता दर्ज की गई। महाराष्ट्र की जालना मंडी में भाव स्थिर रहे। गेहूं फसल की कटाई सभी राज्यों में पूरी हो चुकी है।
स्टॉक / उत्पादन
केन्द्रीय बफर स्टॉक के लिए 373 लाख टन के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक केवल 264 लाख टन गेहूं खरीदा गया है और खरीद की प्रक्रिया भी जल्दी ही समाप्त होने की संभावना है क्योंकि सरकारी क्रय केन्द्रों पर बहुत कम मात्रा में इसकी आवक हो रही है। किसानों को खुले बाजार में ऊंचा दाम प्राप्त हो रहा है। सरकार ने इस बार गेहूं का घरेलू उत्पादन बढ़कर 1120.20 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है मगर लगभग सभी प्रमुख योगदानकर्ता राज्यों में खरीद नियत लक्ष्य से पीछे चल रही है।
खरीद
सरकारी खरीद अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंचने और किसानों द्वारा स्टॉक को रोके जाने से गेहूं के दाम में आगे मजबूती का माहौल बन सकता है। सरकार से गेहूं के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने की मांग की जा रही है। यदि इसे स्वीकार कर लिया गया तो घरेलू बाजार में गेहूं के दाम पर दबाव कुछ बढ़ सकता है।