iGrain India - नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान जीरा कीमतों में मंदा रहा। उल्लेखनीय है कि देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी उत्पादन बढ़ने के समाचारों से निर्यातक मांग ठप्प पड़ गई है साथ ही लोकल का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। जिस कारण से हाजिर एवं वायदा में जीरे के भाव लगातार घट रहे हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए अभी हाल-फिलहाल बाजार में लम्बी तेजी की संभावना नहीं है। अभी बाजार 5/10 रुपए मंदा तेजी के साथ चलते रहे हैं।
उत्पादन
चालू सीजन के दौरान देश में जीरे का रिकॉर्ड उत्पादन एक करोड़ बोरी से अधिक होने के अनुमान है जबकि गत वर्ष उत्पादन 50/55 लाख बोरी का रहा था। गत सीजन में रिकॉर्ड तेजी आने के आने के कारण उत्पादक राज्य राजस्थान एवं गुजरात में जीरे की बिजाई अधिक क्षेत्रफल पर की गई थी साथ ही मौसम भी फसल के अनुकूल रहा। जिस कारण से पैदावार बढ़ने के साथ क्वालिटी भी अच्छी आ रही है। विदेशों में भी पैदावार गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के समाचार मिल रहे हैं।
विदेशों में पैदावार
भारत वर्ष के अलावा जीरे का उत्पादन चीन, टर्की, सीरिया अफगानिस्तान में भी होता है लेकिन क्वालिटी भारतीय जीरे की अच्छी होती है, गत वर्ष कीमतें ऊंची होने के कारण विदेशों में भी जीरे की बिजाई अधिक की गई जिस कारण से विदेशों में भी इस वर्ष जीरा उत्पादन अधिक होने के समाचार है। सूत्रों का मानना है कि इस वर्ष चीन में जीरा उत्पादन 55/60 हजार टन होने के अनुमान है जबकि गत वर्ष उत्पादन 28/30 हजार टन का रहा था। इसके अलावा सीरिया में उत्पादन 20/22 हजार टन से बढ़कर 45/50 हजार टन एवं टर्की 7/8 हजार टन से बढ़कर 14/15 हजार टन होने के समाचार है। अफगानिस्तान में भी जीरा उत्पादन 35/40 हजार होने के समाचार है जबकि गत वर्ष उत्पादन 20/22 हजार टन का रहा था। चीन में जीरा की नए फसल का शुभारम्भ हो गया है आवक का दबाव 15/20 जून के आसपास बनना शुरू हो जाएगा। जबकि टर्की-सीरिया में आवक जुलाई माह में शुरू होगी।
कीमतों में गिरावट
चालू सप्ताह के दौरान जीरा कीमतों में मंदा रहा है। हालांकि गिरते भावों के कारण मंडियों में जीरे की दैनिक आवक रही लेकिन लिवाल न होने के कारण कीमतों में गिरावट बनी रही। वायदा बाजार में भी भाव मंदे के साथ बोले गए। उल्लेखनीय है कि गत दिनों तेजड़ियों द्वारा चीन में जीरा में जीरा फसल खराब होने के समाचार फैलाकर कीमतों को 50/70 रुपए प्रति किलो तक बढ़ा दिया था मगर अभी तक चीन में फसल की स्थिति अच्छी होने के कारण गत सप्ताह कीमतों में 15/20 रुपए प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई है। निर्यातकों की मांग न होने के कारण निर्यात का भाव मंदा रहा। विगत 3/4 दिन पूर्व निर्यात का भाव 5700 रुपए प्रति 20 किलो बोला जा रहा था जोकि आम घटकर 5300/5350 रुपए पर आ गया है लेकिन इन भावों पर व्यापार नहीं है।
मंदा-तेजी
सूत्रों का कहना है कि हाल-फिलहाल जीरा कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि आज भी 2/3 माह तक विदेशों में नए मालों की आवक बनी रहने के कारण भारतीय जीरे में निर्यात व्यापार सीमित रहेगा। लेकिन विदेशों में आवक घटने के पश्चात कीमतों में सुधार हो सकता है जोकि संभवतः सितम्बर-अक्टूबर माह में होगा। लेकिन अधिक तेजी नहीं बनेगी। क्योंकि गिरते भावों के कारण किसानों द्वारा माल रोक लिए जाने के कारण किसानों के पास पर्याप्त स्टॉक जमा है।
आवक घटी
जीरा कीमतों में गिरावट के चलते मंडियों में आवक भी घट गई है। गुजरात की प्रमुख मंडी ऊंझा में आवक घटकर 14/15 हजार बोरी की रह गई है। जबकि राजस्थान की मेड़ता, जोधपुर, नागौर, नौखा मंडी में आवक 1000/3000 बोरी की रह गई है। किसान भाव बढ़ने पर मंडियों में माल लाएगा। जिस कारण से पूरे वर्ष माल की आवक मंडियों में बनी रहेगी।
वायदा बाजार
वायदा बाजार में भी चालू सप्ताह के दौरान जीरा कीमतें मंदी के साथ बोली गई। वायदा में जून माह का जीरा 29240 रुपए खुला था जोकि सप्ताह के अंत में 27125 रुपए पर बंद हुआ है। जुलाई माह का जीरा 28500 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 26150 रुपए पर बंद हुआ।
घटता निर्यात
विगत 4 वर्षों से जीरा निर्यात में गिरावट जारी है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-21 में जीरे का रिकॉर्ड निर्यात 298423 टन का रहा था। जोकि वर्ष 2021-22 में घटकर 216971 टन एवं वर्ष 2022-23 में निर्यात 186509 टन का रह गया। चालू सीजन के प्रथम 11 माह अप्रैल-फरवरी के दौरान जीरा निर्यात 132019 टन का हुआ है।