iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कर्षि मंत्रालय द्वारा 1120.20 लाख टन के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान लगाये जाने से उत्साहित खाद्य मंत्रालय ने चालू रबी मार्केटिंग के लिए 373 लाख टन गेहूं की खरीद का यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए गेहूं की कुल सरकारी खरीद इस नियत लक्ष्य से कम से कम 100 लाख (1 करोड़) टन पीछे रह जाने की संभावना है। यह बहुत बड़ा अंतर है।
यह ध्यान रखना भी आवश्यक है कि 1 अप्रैल को जब नया रबी मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ हुआ था तब भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास महज 75-76 लाख टन गेहूं का स्टॉक बचा हुआ था जो न्यूनतम अनिवार्य बफर मात्रा 74.80 लाख टन के लगभग बराबर ही है।
इस बार गेहूं की कुल सरकारी खरीद अधिक से अधिक 27 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। इसमें से 184 लाख टन का उपयोग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में होना है जबकि अन्य उद्देश्यों में भी अच्छी मात्रा में इसका इस्तेमाल होगा।
इसमें भारत ब्रांड आटा की बिक्री भी शामिल है। इसके अलावा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) भी दोबारा शुरू होने की संभावना है। कुल मिलाकर गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल रह सकती है।
बड़े-बड़े उत्पादकों के पास गेहूं का स्टॉक तो मौजूद है मगर वे नीचे दाम पर उसे बेचने के इच्छुक नहीं है। इसके फलस्वरूप अगले महीने से गेहूं का बाजार भाव सुधर सकता है। फ्लोर मिलर्स एवं व्यापारियों-प्रोसेसर्स के पास गेहूं का सीमित स्टॉक बचा हुआ है।