iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कर्षि मंत्रालय ने 2024-25 के खरीफ सीजन हेतु राष्ट्रीय स्तर पर 45 लाख टन अरहर (तुवर) के उत्पादन का महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है जो 2023-24 के सरकारी उत्पादन अनुमान 33-34 लाख टन से 11-12 लाख टन अधिक है। तुवर की बिजाई शीघ्र ही शुरू होने वाली है और महाराष्ट्र, कर्नाटक,
मध्य प्रदेश, गुजरात तथा आंध्र प्रदेश सहित अन्य प्रमुख उत्पादक प्रांतों के किसान इसकी खेती के प्रति काफी उत्साहित हैं क्योंकि इसका बाजार भाव अत्यंत ऊंचे स्तर पर चल रहा है।
इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून के सीजन में अच्छी वर्षा होने की उम्मीद है जिससे किसानों को तुवर की बिजाई में कठिनाई नहीं होगी। तुवर की अगली नई फसल की कटाई-तैयारी दिसम्बर-जनवरी में शुरू होगी।
2023-24 के सीजन हेतु सरकार ने तुवर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7000 रुपए प्रति क्विंटल निर्यात कर रखा है जबकि प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में इसका दाम 11500-12000 रुपए प्रति क्विंटल तक की ऊंचाई पर पहुंच गया है।
इससे उत्पादकों को आकर्षक आमदनी प्राप्त हो रही है और इसलिए खरीफ सीजन के इस महत्वपूर्ण दलहन की खेती के प्रति किसानों का उत्साह एवं आकर्षण बढ़ने के पक्के आसार हैं।
पिछले दो साल से विभिन्न कारणों और खासकर मौसम की प्रतिकूल स्थिति तथा प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से तुवर का उत्पादन प्रभावित होता रहा है जिससे इसकी मांग एवं आपूर्ति के बीच अंतर काफी बढ़ गया। उद्योग-व्यापार समीक्षकों के अनुसार यह अंतर बढ़कर 12-15 लाख टन तक पहुंच गया है।
उपभोक्ता मामले विभाग ने 15 अप्रैल 2024 से तुवर, उड़द, मूग, मसूर, मटर एवं देसी चना जैसे दलहनों के स्टॉक की घोषणा साप्ताहिक आधार पर करने का अनिवार्य नियम लागू कर रखा है ताकि इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति में सुधार आ सके और कीमतों में तेजी पर अंकुश लग सके।
अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान भारत में 7.75 लाख टन से कुछ अधिक तुवर का आयात हुआ जो वित्त वर्ष 2022-23 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के कुल आयात 8.95 लाख टन से 1.20 लाख टन कम था। अफ्रीकी देशों में तुवर की नई फसल की कटाई-तैयारी जुलाई के अंत या अगस्त के आरंभ में शुरू होने वाली है और तब भारत में इसका आयात बढ़ सकता है।