iGrain India - मंगलोर । अफ्रीकी देशों में मौसम शुष्क एवं गर्म रहने तथा अनियमित वर्षा होने से कच्चे काजू का उत्पादन प्रभावित हुआ है जिससे न केवल वहां इसका निर्यात योग्य स्टॉक घट गया है बल्कि कीमतों में भी तेजी आ गई है।
भारत और वियतनाम जैसे देशों की जोरदार खरीद से भी अफ्रीका में कच्चे काजू के दाम को समर्थन मिल रहा है। कच्चे माल के महंगा होने से तैयार उत्पाद का लागत खर्च ऊंचा हो गया है इसलिए निकट भविष्य में प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) काजू के दाम में नरमी आना मुश्किल लगता है।
अगस्त से देश में त्यौहारी सीजन शुरू होने वाला है इसलिए दिसावरी व्यापारी अभी से काजू की खरीद करके उसका स्टॉक बनाने में जुट गए हैं। इसमें मिष्ठान निर्माता फर्म भी शामिल है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार आगामी महीनों के दौरान यदि कच्चे काजू का भाव 25/30 रुपए सुधरता है तो प्रसंस्कृत काजू के दाम में 150/200 रुपए प्रति किलो तक की तेजी आ सकती है।
घरेलू प्रभाग में कच्चे काजू का अभाव देखा जा रहा है और प्रोसेसिंग (रोलर प्लांटों) को उचित दाम पर पर्याप्त मात्रा में इसका स्टॉक उपलब्ध नहीं हो रहा है। कच्चे काजू के वैश्विक निर्यात में अफ्रीका की भागीदारी 50-60 प्रतिशत रहती है जबकि वियतनाम और भारत इसके दो सबसे प्रमुख खरीदार है।
उत्पादक देशों में कच्चे काजू के दाम में गत वर्ष के मुकाबले इस बार 25-30 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है। भारत और वियतनाम में भी पिछले कई महीनों से मौसम काजू की फसल के लिए अनुकूल नहीं है इसलिए उत्पादन प्रभावित होने के संकेत मिल रहे हैं।
उद्योग समीक्षकों के अनुसार कच्चे माल की कमी के कारण प्रोसेसिंग प्लांटों को अपनी कुल संचित क्षमता के महज 50 प्रतिशत भाग का उपयोग करने में सफलता मिल रही है।
अफ्रीका में भी अनेक प्रोसेसिंग इकाइयां स्थापित हो गई हैं जिससे वहां कच्चे काजू की मांग एवं खपत बढ़ने लगी है। ऐसा लगता है कि त्यौहारी सीजन के दौरान इस बार काजू का घरेलू बाजार भाव कुछ ऊंचा रह सकता है।