iGrain India - लखनऊ । उत्तर प्रदेश के गन्ना विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान 30 मई 2024 तक राज्य की सभी मिलों में 98.03 करोड़ टन गन्ना की क्रशिंग हुई और चीनी का कुल उत्पादन 103.80 लाख टन पर पहुंचा। गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर बढ़कर 11.51 प्रतिशत पर पहुंच गई।
राज्य में गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो गई है और अधकांश इकाइयों बंद हो चुकी हैं। चीनी मिलों को सही समय पर किसानों द्वारा गन्ना की पर्याप्त आपूर्ति की गई और इसलिए क्रशिंग की प्रक्रिया निर्बाध ढंग से सम्पन्न हो गई।
हालांकि इस्मा सहित अन्य संघों- संगठनों ने चालू सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में 110 लाख टन से अधिक चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया था क्योंकि गन्ना के क्षेत्रफल में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई थी लेकिन राज्य के कुछ भागों में गन्ना की फसल को कीड़ों-रोगों के प्रकोप से काफी नुकसान हो गया।
पहले माना जा रहा था कि महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर उत्तर प्रदेश इस बार देश में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन जाएगा लेकिन नवीनतम आंकड़ों से प्रतीत होता है कि ऐसा संभव नहीं हो पाया।
राष्ट्रीय स्तर पर 2023-24 के मौजूदा सीजन में करीब 320 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक सहित अन्य प्रांतों में गन्ना की क्रशिंग पहले ही बंद हो चुकी है।
कर्नाटक एवं तमिलनाडु में जुलाई-अगस्त के दौरान गन्ना की पेराई का विशेष स्तर आयोजित होगा। अन्य प्रांतों में अगले सीजन के लिए तैयारी शुरू हो गई है।
यह सीजन अक्टूबर 2024 से आरंभ होगा। सरकार ने 2024-25 सीजन के लिया देश में 47 करोड़ टन गन्ना के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।