iGrain India - बंगलौर । दक्षिण भारत के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य- कर्नाटक को पिछले साल भयंकर सूखे का संकट झेलना पड़ा था जिससे खरीफ कालीन फसलों को उत्पादन में भारी गिरावट आ गई थी।
लेकिन चालू वर्ष के दौरान मानसून की अच्छी बारिश होने की उम्मीद की जा रही है जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने खरीफ कालीन फसलों के उत्पादन का लक्ष्य बढ़ा दिया है।
2024-25 के वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान कर्नाटक में 112 लाख टन खाद्यान्न के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जबकि इसकी बिजाई का लक्ष्य करीब 57.51 लाख हेक्टेयर निश्चित हुआ है।
भयंकर सूखे के कारण 2023-24 के सीजन में कर्नाटक में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर रणात्मक रही और सरकार को राज्य के कुल 236 तालुकाओं में से 223 को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित करने के लिए विवश होना पड़ा था।
खरीफ 2024 के लिए कर्नाटक में धान के क्षेत्रफल का लक्ष्य 10.60 लाख हेक्टेयर तथा चावल के उत्पादन का लक्ष्य 32.97 लाख टन नियत किया गया है।
इसी तरह मक्का के बिजाई क्षेत्र का लक्ष्य 15.40 लाख हेक्टेयर तथा उत्पादन का लक्ष्य 49.28 लाख टन निर्धारित किया गया है। कर्नाटक देश के प्रमुख मक्का उत्पादक राज्यों में शामिल है।
कर्नाटक में रागी का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इस बार वहां 7.30 लाख हेक्टेयर के बिजाई क्षेत्र में 11.76 लाख टन रागी के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
इसी तरह खरीफ कालीन ज्वार का उत्पादन लक्ष्य 1.12 लाख टन एवं इसकी बिजाई का लक्ष्य 75 हजार हेक्टेयर नियत किया गया है।
घरेलू बाजार भाव ऊंचा होने से इस बार कर्नाटक में खरीफ कालीन दलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र बढ़ने के आसार हैं। इसे देखते हुए राज्य कृषि विभाग ने वहां अरहर (तुवर) के रकबे का लक्ष्य 15 लाख हेक्टेयर तथा पैदावार का लक्ष्य 11.95 लाख टन नियत किया है। इसी तरह मूंग का क्षेत्रफल 3.99 लाख हेक्टेयर एवं उत्पादन 1.50 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है।
तिलहन फसलों की बिजाई का लक्ष्य 9.79 लाख हेक्टेयर तथा पैदावार का लक्ष्य 9.87 लाख टन निर्धारित किया गया है। राज्य में इस बार 3.83 लाख टन मूंगफली 1.05 लाख टन सूरजमुखी तथा 4.72 लाख टन सोयाबीन के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।