iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा 2024-25 के खरीफ सीजन में उत्पादित फसलों- धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज एवं कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 5 से 10 प्रतिशत तक की भारी बढ़ोत्तरी की घोषणा की जा सकती है ताकि किसानों को इसका अधिक से अधिक उत्पादन करने का प्रोत्साहन मिल सके।
वैसे एमएसपी में भारी वृद्धि से खाद्य महंगाई भी बढ़ सकती है। आज यानी 4 जून 2024 को मतगणना हो रही है और 5 जून को यह पता चल जाएगा कि केन्द्र में किस ग्रुप की सरकार बन रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश पर विशेष ध्यान रखा जाता है।
जानकार सूत्रों के अनुसार अरहर एवं तुवर जैसी दलहन फसलों के समर्थन मूल्य में 8-10 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है मगर मूंग के एमएसपी में मामूली बढ़ोत्तरी हो सकती है क्योंकि इसमें पहले ही भारी वृद्धि हो चुकी है और दलहन फसलों में सबसे ऊंचा समर्थन मूल्य मूंग का ही है। दलहनों की मांग एवं आपूर्ति में विशाल अंतर होने से कीमत काफी ऊंची हो गई है।
जहां तक तिलहन फसलों का सवाल है तो 2023-24 सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4600 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया जो 2022-23 सीजन से 7 प्रतिशत ज्यादा था।
2024-25 सीजन के लिए भी इसके एमएसपी में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वर्तमान समय में दलहनों का उत्पादन मुख्यत: देश के 50-55 जिलों तक सीमित है।
यदि समर्थन मूल्य में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई तो गैर परम्परागत जिलों में भी किसानों को इसकी खेती करने का प्रोत्साहन मिल सकता है।
जहां तक धान की बात है तो इसके समर्थन मूल्य में 5 प्रतिशत तक की सामान्य वृद्धि हो सकती है जबकि 2023-24 के सीजन में इसे 7 प्रतिशत बढ़ाकर 2183 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था।