iGrain India - मदुरै । तमिलनाडु में आमतौर पर मैसूर डैम को 12 जून को खोला जाता है जो इसकी परम्परागत तिथि है लेकिन इस बार नियत समय पर इसे खोले जाने में संदेह है।
दरअसल इस महत्वपूर्ण बांध में पानी का स्तर बहुत घट गया है और राज्य सरकार पहले पीने के पानी को प्राथमिकता देना चाहती है जिससे सिंचाई के लिए इस जलाशय से पानी उपलब्ध करवाना कठिन होगा।
वैसे तमिलनाडु में जल्दी ही मानसून की जोरदार बारिश होने की उम्मीद है जिससे न केवल इस जलाशय में पानी का स्तर ऊंचा उठेगा बल्कि खेतों में भी पानी एवं नमी का अंश बढ़ेगा जिससे राज्य के किसानों को कुरुवई धान की रोपाई शुरू करने में अच्छी सहायता मिल सकती है।
इस बीच तमिल मनिला कांग्रेस (टीएमसी) के अध्यक्ष ने तमिलनाडु सरकार से राज्य के किसानों को कुरुवई धान की खेती के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है जिसमें ऋण की सुविधा, फसल बीमा तथा एक विशेष पैकेज भी शामिल है।
इस विशेष पैकेज के तहत रियायती मूल्य पर बीज तथा उर्वरक उपलब्ध करवाना तथा फसलों की सिंचाई के लिए प्रति दिन तीन शिफ्ट में बिजली की आपूर्ति करना सम्मिलित है।
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष तमिलनाडु सरकार कावेरी डेल्टा क्षेत्र के जिलों में कुरुवई सीजन के दौरान कम अवधि में पककर तैयार होने वाले धान की फसल की सिंचाई के लिए 12 जून को मैटूर बांध का गेट खोल देती है। इससे किसानों को भारी राहत मिलती है। लेकिन इस बार वहां पानी का स्टॉक काफी घट गया है।