iGrain India - मुम्बई । उद्योग- व्यापार क्षेत्र के विश्लेषकों द्वारा लगाएं गए अनुमान से पता चलता है कि मई 2024 में खाद्य तेलों का कुल आयात बढ़कर 15 लाख टन पर पहुंच गया जो मई 2023 के आयात 13 लाख टन से 2 लाख टन या 15 प्रतिशत ज्यादा है।
इस अवधि में पाम समूह के तेलों का कुल आयात 6.85 लाख टन से 12.4 प्रतिशत बढ़कर 7.69 लाख टन तथा सूरजमुखी तेल का आयात 2.34 लाख टन से 74 प्रतिशत उछलकर 4.08 लाख टन पहुंचा गया सोयाबीन तेल का आयात 3.75 लाख टन से 16.5 प्रतिशत घटकर 3.22 लाख टन पर अटक गया।
पाम तेल के संवर्ग में आरबीडी पामोलीन का आयात मई 2023 के 1.24 लाख टन से 57 प्रतिशत उछलकर मई 2024 में 2.14 लाख टन पर पहुंच गया।
जुलाई 2024 के लिए भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच का औसत भाव (खर्च) क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का 948 डॉलर प्रति टन, क्रूड सोया तेल का 1028 डॉलर प्रति टन तथा क्रूड सूरजमुखी तेल का औसत भाव 1035 डॉलर प्रति टन ऑफर किया जा रहा है।
उद्योग-व्यापार क्षेत्र के विश्लेषकों के अनुसार जनवरी के बाद मई में ही पाम तेल का सर्वाधिक आयात हुआ जबकि फरवरी, मार्च एवं अप्रैल में भाव ऊंचा होने से इसके आयत की गति धीमी बनी हुई थी।
दरअसल पाम तेल का दाम अन्य प्रतिद्वन्दी खाद्य तेलों (सोया तेल एवं सूरजमुखी तेल) के सापेक्ष प्रतिस्पर्धी स्तर पर आ गया तब भारतीय आयातकों की दिलचस्पी इसकी खरीद के प्रति बढ़ गई।
उल्लेखनीय है कि मई 2024 में मलेशियाई पाम तेल का वायदा भाव घटकर पिछले तीन माह के निचले स्तर पर आ गया लेकिन अब भारत की अच्छी खरीद का समर्थन मिलने से इसमें कुछ सुधार आने की उम्मीद है।
समझा जाता है कि रिफाइंड पामोलीन के आयात पर व्यापरियों (आयातकों) को मई में अच्छा मार्जिन प्राप्त हुआ इसलिए उसने इसके आयात में भारी उत्साह दिखाया।
दो माह पूर्व पाम तेल का भाव सोया तेल एवं सूरजमुखी तेल से ऊपर चल रहा था। एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार जून में भी पाम तेल का आयात करीब 7.50 लाख टन के ऊंचे स्तर पर बरकरार रह सकता है।