iGrain India - कोलम्बो । श्री लंका सरकार ने मूंग, उड़द एवं लोबिया जैसे दलहनों के साथ-साथ ज्वार, सोया आटा एवं मूंगफली आदि के लिए आयात नियंत्रण लाइसेंस हासिल करने की आवश्यकता को समाप्त कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल विदेशी मुद्रा ही भारी कमी के कारण सरकार को अनेक महत्वपूर्ण उत्पादों के आयात को सीमित रखने का नियम लागू करना पड़ा था और उपरोक्त वस्तुओं के आयात के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य बनाया गया था। मगर कमजोर घरेलू उत्पादन एवं सीमित आयात के कारण वहां इन उत्पादों के आयात को नियंत्रण मुक्त करने का फैसला कर लिया।
एक वरिष्ठ मंत्री के अनुसार श्रीलंका में विभिन्न दाल-दलहनों एवं खाद्य उत्पादों के दाम में भारी बढ़ोत्तरी हो गई है क्योंकि इसकी जमाखोरी एवं कालाबाजारी बढ़ती जा रही है।
अधिकांश दालों का दाम बढ़कर 1000 रुपए (श्री लंकाई रूपया) प्रति किलो से ऊपर पहुंच गया है। यह आम उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो गया है।
फिलहाल वहां मूंग का घरेलू बाजार भाव 1160 रुपए प्रति किलो, उड़द का 1610 रुपए प्रति किलो एवं लोबिया का 1008 रुपए प्रति किलो चल रहा है जबकि मूंगफली का मूल्य बढ़कर 1200 रुपए प्रति किलो हो गया है।
मंत्री का कहना था कि आयात नियंत्रण लाइसेंस (परमिट) की जरूरत को समाप्त करना आवश्यक हो गया है ताकि घरेलू प्रभाग में दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाकर इसकी कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाया जा सके।
सरकार को यह संदेह है कि देश में गैर कानूनी तरीके से दलहनों का आयात हो रहा है, इसकी जमाखोरी एवं कालाबाजारी की जा रही है तथा आयातित माल की क्वालिटी का भी पता नहीं चल पाता है। दलहनों पर आयात शुल्क लगाया जा सकता है।