iGrain India - नई दिल्ली । पिछले साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के कमजोर रहने से धान की फसल प्रभावित हुई थी और रबी कालीन फसल को भी पर्याप्त वर्षा का सहारा नहीं मिल सका।
धान की सरकारी खरीद पिछले सीजन से कम हुई और चावल की खरीद नियत लक्ष्य से पीछे रह गई। इसके बावजूद केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2023-24 सीजन के लिए अपने तीसरे अग्रिम अनुमान में चावल का कुल घरेलू उत्पादन बढ़कर 1367 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचने की उम्मीद व्यक्त की है
जो दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान 1238.15 लाख टन से 128.85 लाख टन तथा 2022-23 सीजन के संशोधित उत्पादन 1358 लाख टन से 9 लाख टन ज्यादा है। विस्तारित रबी सीजन के धान की आवक अभी जारी है।
ध्यान देने की बात है कि 1367 लाख टन के शानदार उत्पादन के बावजूद केन्द्र सरकार फिलहाल 100 प्रतिशत टूटे चावल एवं गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के व्यापारिक निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए तैयार नहीं है।
इसी तरह गैर बासमती सेला चावल पर लगे 20 प्रतिशत के निर्यात शुल्क को बरकरार रखना चाहती है और बासमती चावल के लिए 950 डॉलर प्रति टन का जो न्यूनतम निर्यात मूल्य (मेप) नियत किया गया है उसे भी लागू रखा जा रहा है। शानदार उत्पादन के बावजूद चावल के घरेलू बाजार मूल्य में नरमी आने के संकेत नहीं मिल रहे हैं जबकि निर्यात में काफी गिरावट आ गई है।