iGrain India - नई दिल्ली । चना की पैदावार में भारी गिरावट को देखते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने तीसरे अग्रिम अनुमान में 2023-24 सीजन के दौरान दलहनों का कुल उत्पादन घटकर 244.70 लाख टन पर सिमटने की संभावना व्यक्त की है जो 2022-23 सीजन के समीक्षित उत्पादन 260.60 लाख टन से करीब 16 लाख टन या 6 प्रतिशत कम है। यह सरकारी उत्पादन अनुमान भी उद्योग-व्यापार क्षेत्र को वास्तविकता से ऊंचा प्रतीत होता है।
दलहन फसलों के संवर्ग में कृषि मंत्रालय ने 2022-23 की तुलना में 2023-24 सीजन के दौरान अरहर (तुवर) का उत्पादन 33.10 लाख टन से बढ़कर 33.90 लाख टन तथा मसूर का उत्पादन 15.60 लाख टन से उछलकर 17.50 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है
लेकिन दूसरी ओर उड़द का उत्पादन 26.30 लाख टन से घटकर 23 लाख टन, मूंग का उत्पादन 36.80 लाख टन से लुढ़ककर 29.10 लाख टन तथा अन्य दलहनों (चना को छोड़कर) का उत्पादन 26.10 लाख टन से गिरकर 25.60 लाख टन रह जाने की संभावना व्यक्त की है।
जहां तक रबी सीजन के सभी प्रमुख दलहन-चना का सवाल है तो कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के सीजन में इसका घरेलू उत्पादन घटकर 115.76 लाख टन रह जाने की संभावना व्यक्त की है जो दूसरे अग्रिम अनुमान 121.61 लाख टन से 6.15 लाख टन तथा 2022-23 सीजन के उत्पादन 123 लाख टन से करीब 7 लाख टन कम है।
उद्योग-व्यापार क्षेत्र का मानना है कि तुवर का उत्पादन 30 लाख टन से कम तथा चना का उत्पादन 100 लाख टन से नीचे रहा है। इसी तरह मसूर का उत्पादन भी उद्योग-व्यापार क्षेत्र के अनुमान से करीब 2 लाख टन ज्यादा है।
घरेलू प्रभाग में तुवर, उड़द एवं चना का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा चल रहा है। तुवर और उड़द का आयात तो पहले से ही भारी मात्रा में हो रहा है जबकि अब 31 अक्टूबर 2024 तक देसी चना एवं पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति भी दे दी गई है।
मसूर का भी शुल्क मुक्त आयात हो रहा है। एक समीक्षक के अनुसार ऐसा लगता है कि सरकार ने पिछले साल दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में भीषण सूखा के प्रकोप से तुवर की फसल को हुए जबरदस्त नुकसान को काफी हद तक नजर अंदाज कर दिया है। चना के क्षेत्रफल में भी कमी आई थी।