iGrain India - ब्रिसबेन । भारत, बांग्ला देश एवं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे शीर्ष आयातक देशों की मांग कमजोर पड़ने से ऑस्ट्रियाई मसूर के निर्यात की गति धीमी पड़ गई है। ऑस्ट्रेलियाई संख्यिकी ब्यूरो (एबीएस) के आंकड़ों से पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया से मार्च 2024 में 1,77,662 टन मसूर का निर्यात हुआ था जो अप्रैल में 34 प्रतिशत लुढ़ककर 1,16,768 टन पर अटक गया।
इस तरह मसूर के निर्यात में करीब 61 हजार टन की भारी गिरावट दर्ज की गई। अप्रैल 2024 में भारत को पीछे छोड़कर बांग्ला देश ऑस्ट्रेलियाई मसूर का सबसे प्रमुख आयातक बन गया जिसने 40,053 टन का आयात किया।
भारत दूसरे नम्बर पर रहा जहां 25,897 टन मसूर का आयात किया गया। इसके बाद 17,719 टन के साथ संयुक्त अरब अमीरात तीसरे स्थान पर रहा।
एबीएस की रिपोर्ट के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान अप्रैल 2024 तक ऑस्ट्रेलिया से कुल मिलाकर 8,47,272 टन मसूर का निर्यात हुआ जो पिछले मार्केटिंग सीजन की समान अवधि के शिपमेंट 8,21,608 टन से कुछ अधिक था।
सरकारी संस्था- अबारेस के अनुसार 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में करीब 16 लाख टन मसूर का उत्पादन हुआ और 2024-25 के मौजूदा सीजन का उत्पादन भी इसके आसपास ही रहने का अनुमान है।
हालांकि इस बार बिजाई क्षेत्र में कुछ बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं लेकिन मौसम पूरी तरह अनुकूल नहीं होने से इसकी बिजाई नियत अवधि के बाद भी होने की संभावना है जिससे कुछ उत्पादक इलाकों में फसल की औसत उपज दर में कमी आ सकती है।