iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने चावल के घरेलू बाजार भाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भारत ब्रांड के तहत फरवरी में 29 रुपए प्रति किलो के रियायती मूल्य पर कच्चे (सफेद) चावल की बिक्री शुरू करवाई थी।
इसे नैफेड, एनसीपीएफ एवं केन्द्रीय भंडार जैसी सरकारी एजेंसियों के खुदरा आउट लेट के जरिए बचा जा रहा है। हालांकि इसकी खरीद में आम उपभोक्ताओं ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई मगर चावल के घरेलू बाजार मूल्य पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा।
इसे देखते हुए सरकार ने अब भारत ब्रांड के तहत दक्षिण भारत में सेला चावल की खुदरा बिक्री आरंभ करने का निर्णय लिया है। वहां सेला चावल को विशेष पसंद किया जाता है।
सफेद चावल की खपत उत्तरी एवं पूर्वी राज्यों में ज्यादा होती है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास सेला चावल का स्टॉक मौजूद है जिसमें से इन एजेंसियों को करीब 1.30 लाख टन का स्टॉक मुहैया करवाया गया है।
चावल की कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है। पिछले उनके महीनों से चावल में महगाई दर 10 प्रतिशत से ऊपर चल रही है जबकि सफेद चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध तथा सेला चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगा हुआ है। पिछले खरीफ सीजन में चावल का उत्पादन घट गया लेकिन कुल सीजनल उत्पादन बेहतर आंका गया है।