iGrain India - हैदराबाद । दक्षिण-पूर्व एशिया में अवस्थित देश- वियतनाम में धान- चावल के नए माल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ जाने से कीमतों में थोड़ी नरमी आ गई है जबकि दूसरी ओर भारत में आवक घटने एवं प्रमुख आयातक देशों द्वारा खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखाए जाने से चावल का निर्यात ऑफर मूल्य कुछ तेज हो गया है।
दुनिया के सबसे प्रमुख निर्यातक देश- भारत के 5 टूटे सेला वैरायटी के चावल का निर्यात ऑफर मूल्य पिछले सप्ताह 535-543 डॉलर प्रति टन चल रहा था जो चालू सप्ताह में सुधरकर 539-546 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया। समझा जाता है कि सभी प्रमुख आयातक देशों में भारतीय सेला की मजबूत मांग बनी हुई है।
अधिकांश देश थाईलैंड, वियतनाम एवं पाकिस्तान के बजाए भारतीय चावल की खरीद को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि इसका भाव नीचे या प्रतिस्पर्धी स्तर पर चल रहा है।
उधर वियतनाम के 5 प्रतिशत टूटे चावल का निर्यात ऑफर मूल्य पिछले सप्ताह के 580-585 डॉलर प्रति से गिरकर चालू सप्ताह में 575-580 डॉलर प्रति टन पर आ गया।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार धान की दूसरी फसल की कटाई-तैयारी जारी रहने से चावल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ती जा रही है।
वियतनाम के कृषि मंत्रालय ने चालू वर्ष के दौरान देश में 430 लाख टन धान के उत्पादन का अनुमान लगाया है जो पिछले साल के बराबर ही है।
समीक्षकों के मुताबिक भारत से गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर जुलाई 2023 से प्रतिबंध लगा हुआ है और सितम्बर 2024 तक इसे हटाए जाने की नगण्य संभावना है। इससे वियतनाम को अपने सफेद चावल का निरयत बढ़ाने में अच्छी सफलता मिल सकती है।
थाईलैंड में 5 प्रतिशत टूटे चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 630 डॉलर प्रति टन के आसपास स्थिर बना हुआ है जबकि इसकी मांग में ठहराव देखा जा रहा है।
हालांकि फिलीपींस, ब्राजील एवं कुछ अफ्रीकी देशों के आयातकों की मांग थाई चावल में देखी जा रही है मगर हाल के दिनों में कोई बड़ा सौदा नहीं होने से कीमतों में स्थिरता बनी हुई है।
वैसे भी थाईलैंड के चावल का भाव अत्यन्त ऊंचे स्तर पर होने से आयातक इसकी खरीद करने से हिचक रहे हैं और नए सीजन की आपूर्ति का इंजतार करना चाहते हैं।