iGrain India - भटिंडा । ऐसा प्रतीत होता है कि पंजाब के किसानों का उत्साह एवं आकर्षण कपास की खेती के प्रति लगातार तेजी से घटता जा रहा है।
पिछले साल वहां 3 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती का लक्ष्य रखा गया था जबकि वास्तविक क्षेत्रफल 1.79 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच सका।
इसे देखते हुए कृषि विभाग ने चालू वर्ष के लिए बिजाई का लक्ष्य आधा घटाकर 2 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया 31 मई 2024 को जब वहां बिजाई का सीजन समाप्त हुआ तो कपास का कुल रकबा 96,614 हेक्टेयर पर ही पहुंच सका। इस तरह वर्ष 2023 के मुकाबले 2024 के दौरान कपास के उत्पादन क्षेत्र में 46 प्रतिशत की जबरदस्त गिरावट आ गई।
चालू वर्ष के दौरान पंजाब में कपास का बिजाई क्षेत्र घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है। पिछले कुछ वर्षों से वहां इसका आस्तित्व समाप्त हो सकता है। विभिन्न कारणों से किसान अब कपास की खेती के लिए तैयार नहीं है।
कृषि विभाग इससे काफी चिंतित है लेकिन वह किसानों पर कोई दबाव नहीं डाल सकता है। कपास की खेती का लक्ष्य काफी घटा दिया गया मगर फिर भी वास्तविक क्षेत्रफल इससे काफी पीछे रह गया।
पंजाब में लगभग 99 प्रतिशत कपास का उत्पादन चार जिलों- फाजिल्का, मनसा, भटिंडा एवं मुक्तसर में होता है जबकि चार अन्य जिलों- संगरूर, मोगा, बरनाला एवं फरीदकोट में इसकी थोड़ी-बहुत खेती होती है। पंजाब में अप्रैल-मई के दौरान कपास की खेती होती है।