iGrain India - हिसार । समझा जाता है कि हरियाणा सरकार की अधीनस्थ एजेंसी- हैफेड ने चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान मार्च से मई के बीच किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर जिस सरसों की भारी खरीद की थी अब धीरे-धीरे उसे बाजार में उतारने का प्रयास किया जा रहा है।
पिछले दिन एजेंसी द्वारा सरसों की बिक्री का एक टेंडर जारी किया गया कोई उल्लेख नहीं किया गया और न ही यह सरसों चालू सीजन की है लेकिन फिर भी मंडियों पर इसका मनोवैज्ञानिक असर रहा और सरसों के दाम में कुछ नरमी आ गई।
इस टेंडर की अंतिम तिथि 5 जून तक थी। हरियाणा की अधिकांश मंडियों में सरसों का भाव स्थिर या नरम देखा गया मगर चरखी दादरी में इसमें 50-100 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
वहां इसका भाव सुधरकर 5600/5700 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। लेकिन हांसी, नारनौल एवं भिवानी में भाव स्थिर बना रहा।
पिछले दो-तीन सप्ताहों के दौरान राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात एवं हरियाणा की मंडियों में सरसों के दाम में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई और इसका दाम बढ़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (5650 रुपए प्रति क्विंटल) के करीब या उससे ऊपर पहुंच गया। सरसों तेल के दाम में आई तेजी को इसका कारण माना जा रहा है। सरसों की सरकारी खरीद भी हुई है।