iGrain India - मुम्बई । हालांकि केन्द्र सरकार ने 2023-24 सीजन के दौरान चावल का घरेलू उत्पादन बढ़कर 1367 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन के अनुमानित उत्पादन 1357.55 लाख टन से 9.45 लाख टन ज्यादा है अगर आपूर्ति एवं उपलब्धता की जटिल स्थिति तथा कीमतों में तेजी को देखते हुए
उद्योग-व्यापार क्षेत्र का मानना है कि वास्तविक उत्पादन सरकारी अनुमान से कम हुआ है। ध्यान देने की बात है कि देश से 100 प्रतिशत टूटे चावल एवं गैर बासमती सफेद चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
नवी मुम्बई के थोक बाजार में चावल का भाव 10-20 प्रतिशत बढ़ गया है। वहां बासमती चावल का दाम 70 से 110 रुपए प्रति किलो तथा सामान्य श्रेणी के चावल का भाव 28 से 70 रुपए प्रति किलो के बीच चल रहा है।
खुदरा बाजार में भाव इससे ऊंचा होना स्वाभाविक ही है। वाशी स्थित कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के परिसर में कार्यरत व्यापारियों- स्टॉकिस्टों का कहना है कि बेशक केन्द्र सरकार ने 1367 लाख टन चावल के शानदार उत्पादन का अनुमान लगाया है
लेकिन हकीकत यह है कि पिछले साथ मानसून सीजन के दौरान बारिश कम होने तथा तापमान ऊंचा होने से धान-चावल का उत्पादन घट गया।
इसके फलस्वरूप विभिन्न किस्मों एवं श्रेणियों के चावल के दाम में 5 से 10 प्रतिशत का इजाफा हो गया। बासमती चावल का थोक बाजार भाव मई में 65 से 100 रुपए प्रति किलो के बीच चल रहा था जो चालू माह में बढ़कर 70-110 रुपए प्रति किलो हो गया है। इसी तरह सामान्य श्रेणी के चावल का दाम 22-60 रुपए से बढ़कर 28-70 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि वाशी थोक मंडी में दक्षिणी राज्यों, उत्तर प्रदेश एवं गुजरात आदि से विशाल मात्रा में चावल की आपूर्ति होती है। इसके अलावा वहां नागपुर, चंद्रपुर एवं ठाणे आदि से भी सामान्य चावल पहुंचता है जबकि चावल पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से मंगाया जाता है जहां इसकी आपूर्ति का ऑफ सीजन चल रहा है।