iGrain India - इडुक्की । अदालत से निर्देश पर और सभी पक्षों से विचार-विमर्श करने के बाद मसाला बोर्ड ने छोटी इलायची की नीलामी प्रक्रिया में री-पूलिंग पर रोक लगाने का निर्णय लिया। इससे होने वाले नफा-नुकसान पर अलग-अलग राय सामने आ रही है।
वंदनमेडू कार्डामम ग्रोअर्स एसोसिएशन के महामंत्री का कहना है कि बोर्ड के नए निर्णय से नीलामी केन्द्रों के बैनर तले कुछ समूहों द्वारा इलायची की री-पूलिंग पर रोक लगाने में सहायता मिलेगी और नीलामी कारोबारी ग्रुप को भारी मारा में इलायची का स्टॉक उतारने से रोका जा सकेगा।
अब तक कई मामलों में देखा जा रहा था कि एक ही व्यक्ति इलायची का खरीदार भी था और विक्रेता भी। कुछ डीलर्स मसाला बोर्ड के प्लेटफार्म के इस्तेमाल हेरा फेरी या अनियमितता के लिए कर रहे थे जिस पर अब पाबंदी लग जाएगी।
लेकिन केरल कार्डमम डीलर्स चैम्बर का कहना है कि बोर्ड के इस नए नियम का भविष्य में इलायची के छोटे-छोटे उत्पादकों के हितों पर गहरा प्रतिकूल असर पड़ेगा।
नीलामी केन्द्रों में अपना उत्पाद बेचने के लिए इलायची उत्पादकों को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है मगर छोटी-छोटे उत्पादक पंजीकरण नहीं करवाते हैं और सीधे कारोबारियों को अपना माल बेचते हैं। ये कारोबारी इलायची की री-पूलिंग करते हैं। री पूलिंग पर रोक लगने से इन उत्पादकों को नुकसान होगा।