iGrain India - नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान धनिया की कीमतों में नरमी नहीं। लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्तमान कीमतों में अब मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि उत्पादक केन्द्रों पर आवक घट गई है। मध्य प्रदेश की गुना एवं कुम्भराज मंडी को छोड़कर अन्य मंडियों में आवक सीमित रह गई है। राजस्थान की प्रमुख मंडी रामगंज में आवक मात्र 3000/3500 बोरी की रह गई है। क्योंकि लोकल एवं निर्यात मांग का अभाव होने के कारण भावों में 50/100 रुपए की मंदा तेजी बना हुआ है। वर्तमान हालात को देखते हुए अभी कुछ समय तक बाजार में 3/5 रुपए का उतार-चढ़ाव चलता रहेगा। लेकिन अगस्त-सितम्बर के बाद कीमतों में 10/15 रुपए प्रति किलो की तेजी आने के व्यापारिक अनुमान लगाए जा रहे हैं। क्योंकि कुल उत्पादन का अधिकांश भाव मंडियों में आ चुका है। उत्पादकों के पास 10/15 प्रतिशत माल बढ़ाया गया है। स्टॉकिस्ट भाव बढ़ने के पश्चात ही माल की बिकवाली करेगा।
वायदा बाजार
चालू सप्ताह के दौरान वायदा बाजार में भी सीमित उतार-चढ़ाव रहा। सप्ताह के शुरू में जून माह का धनिया 7412 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 7366 रुपए पर बंद हुआ है। जबकि जुलाई माह का धनिया 7524 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 7480 रुपए पर बंद हुआ है। सूत्रों का मानना है कि अभी वायदा बाजार में भी 100/200 रुपए का मंदा तेजी चलता रहेगा। हाल- फिलहाल अधिक तेजी संभव नहीं है।
हाजिर बाजार
हाजिर बाजारों में भी धनिया की कीमतें नरमी के साथ बोली गई हैं। उल्लेखनीय है कि धनिया का हाजिर व्यापार भी वायदा बाजार पर आधारित है अगर वायदा तेज खुलता है तो हाजिर बाजारों में भी कीमतें तेजी के साथ बोली जाती है ऊपर वायदा मंदा है तो हाजिर बाजार भी मंदे बोले जाते हैं। चालू सप्ताह के दौरान हालांकि मंडियों में आवक कम रही लेकिन वायदा भाव सीमित दायरे में बने रहने एवं लोकल में उठाव कम होने से मंडियों में भाव 50/100 रुपए नरमी के साथ बोले गए।
अधिक मंदा नहीं
सूत्रों का कहना है कि भाव काफी नीचे आ जाने के कारण वर्तमान भावों में अब मंदा संभव नहीं है। क्योंकि लिवाल न होने के बावजूद भी वर्तमान में स्टॉकिस्ट भाव घटाकर लिवाल नहीं है। क्योंकि बरसात के मौसम के पश्चात संभावना व्यक्त की जा रही है कि धनिया की कीमतों में 10/15 रुपए प्रति किलो की तेजी आनी चाहिए। क्योंकि इस वर्ष उत्पादन होने के कारण उत्पादक केन्द्रों पर धनिया का स्टॉक कम रहने की संभावना है। हालांकि गत वर्ष देश में धनिया की पैदावार अधिक रही थी मगर नीचे भावों के कारण रिकॉर्ड निर्यात किया गया। अतः गत वर्ष का स्टॉक भी मंडियों में कम माना जा रहा है। जबकि चालू सीजन के पैदावार 1/1.10 करोड़ बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे जबकि गत वर्ष पैदावार 1.60/1.65 करोड़ बोरी की रही थी।
आवक घटी
कुल उत्पादन का लगभग 80/85 प्रतिशत माल मंडियों में आ जाने के कारण वर्तमान में मंडियों में आवक घट गई है। गुजरात की गोंडल मंडी में आवक साप्ताहिक आवक 25/30 हजार बोरी की हो रही है जबकि राजकोट में दैनिक आवक 2000/2200 बोरी एवं जूनागढ़ में 1000/1200 बोरी को चल रही है। जाम-जोधपुर में आवक 2000/2200 बोरी की हो रही है। राजस्थान की रामगंज में 3000/3500 बोरी, बारां 1500/2000 बोरी एवं कोटा 1000/1500 बोरी की दैनिक आवक चल रही है। मध्य प्रदेश कुम्भराज में आवक 8/10 हजार बोरी एवं गुना 12/15 हजार बोरी की आवक को छोड़कर मंदसौर, बीनागंज, नीमच, अशोक नगर में आवक काफी कम रह गई है। नीमच, बीनागंज में आवक 1000/1200 बोरी एवं मंदसौर 300/500 बोरी की रह गई है। अशोक नगर में आवक 2000/2500 बोरी की चल रही है।
निर्यात
गत सीजन में भाव कम होने के कारण धनिया निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-फरवरी- 2024 के दौरान धनिया का निर्यात गत वर्ष की इसी समयावधि की तुलना में 142 प्रतिशत बढ़ा है। प्राप्त जानकारों के अनुसार अपैरल-फरवरी -2024 के दौरान धनिया का निर्यात 100333.98 टन का किया गया जबकि अप्रैल- फरवरी 2023 में निर्यात 41515.88 टन का किया गया था। वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में धनिया का कुल निर्यात 54481 टन का हुआ था। इससे पूर्व वर्ष 2020-21 में धनिया का रिकॉर्ड निर्यात 57359 टन का रहा था।