iGrain India - भुवनेश्वर । हालांकि इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून उड़ीसा में नियत समय से कुछ पहले ही पहुंच गया लेकिन राज्य के अंदर इसके आगे बढ़ने की गति धीमी देखी जा रही है।
दरअसल बंगाल की खाड़ी में ऐसा कोई महत्वपूर्ण मौसम तंत्र मौजूद नहीं है और न ही बन रहा है जो मानसून को आगे बढ़ाने और इसकी रफ्तार को तेज करने में सहायक साबित हो सके।
स्वयं बंगाल की खाड़ी में मानसून का प्रवाह सुस्त पड़ गया है। इस बीच मौसम विभाग ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, कोंकण एवं गोवा में अच्छी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।
भुवनेश्वर मौसम केन्द्र के निदेशक का कहना है कि अगले पांच दिनों तक राज्य में मानसून की रफ्तार बढ़ाने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहेंगी। चूंकि आंतरिक उड़ीसा के अधिकांश भाग में मानसून लगभग निष्क्रिय बना हुआ है और बारिश होने के कोई लक्षण दिखाई नहीं पड़ रहे हैं इसलिए वहां हीट वेव एवं भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रह सकता है।
मौसम केन्द्र ने अगले तीन दिनों तक उड़ीसा के आंतरिक जिलों में मौसम गर्म एवं शुष्क रहने तथा तटीय क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी पड़ने की संभावना व्यक्त की है।
7 से 13 जून तथा 14 से 20 जून वाले दो सप्ताहों के लिए मौसम केन्द्र ने जो अनुमान व्यक्त किया है उससे पता चलता है कि अगले कम से कम चार दिनों तक राज्य में दिन का उच्चतम तापमान सकता है जिससे आम लोगों को ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
लेकिन 14-20 जून वाले सप्ताह के शुरूआती दो-तीन दिनों के दौरान एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है और दिन का उच्चतम तापमान सामान्य स्तर पर के आसपास आ सकता है। कुछ इलाकों में गरज चमक के साथ हल्की बारिश होने से भी तापमान में गिरावट आ सकती है।
9 जून को उड़ीसा के नुआपाड़ा में 43 डिग्री, बौध में 41.7 डिग्री तथा बालनगीर में 41.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। जबकि भुवनेशर में 39.6 डिग्री सेल्सियस एवं कटक में 38.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।
मानसून के पहुंचने का बावजूद बारिश की भारी कमी के कारण उड़ीसा के किसानों को खरीफ फसलों की बिजाई की तैयारी करने में कठिनाई हो रही है।