iGrain India - बंगलौर । दक्षिण-पश्चिम मानसून के जल्दी आने, सक्रिय रहने तथा अच्छी वर्षा होने से कर्नाटक के विभिन्न भागों में खरीफ फसलों की बिजाई में किसानों को अच्छी सहायता मिल रही है।
ध्यान देने की बात है कि मानसून के पहुंचने के महज 6 दिनों के अंदर यानी 7 जून तक कर्नाटक में करीब 12 प्रतिशत क्षेत्र में खरीफ फसलों की बिजाई हो गई।
इसका कुल क्षेत्रफल 9.849 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र के दोगुने से भी ज्यादा है। खरीफ फसलों की खेती में इस बार किसान जबरदस्त दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
वर्ष 2023 में वहां मानसून कई दिनों की देरी से पहुंचा था और बारिश भी कम हुई थी। अगस्त 2023 में वहां भयंकर सूखा पड़ा था। गत वर्ष जून के प्रथम सप्ताह के दौरान कर्नाटक में खरीफ फसलों का कुल बिजाई क्षेत्र 4.182 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच सका था। इस वर्ष राज्य में मानसून नियत तिथि से पहले ही पहुंच गया और किसान भी बिजाई के लिए पहले ही पूरी तैयारी कर चुके थे
इसलिए जैसे ही बरसात शुरू हुई, बिजाई की रफ्तार भी बढ़ने लगी। इसकी रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 31 मई तक खरीफ फसलों का कुल रकबा 2.364 लाख हेक्टेयर का जो 7 जून तक आते-आते उछलकर 9.85 लाख हेक्टेयर हो गया।
कर्नाटक के कामराज नगर, चिकमगलूर, चित्र दुर्ग, हासन, कोरपल, मांड्या, मैसूर, टुंकूर एवं रामनगर जिलों में खरीफ फलसों की जोरदार बिजाई हो रही है जबकि अन्य जिलों में भी मानसून पहुंच रहा है।
वहां अनाजी फसलों के क्षेत्रफल का लक्ष्य 57.51 लाख हेक्टेयर नियत किया गया है जिसमें से 5.47 लाख हेक्टेयर में बिजाई पूरी हो चुकी है। दलहनों का रकबा 2.24 लाख हेक्टेयर एवं अनाजों का क्षेत्रफल 3.22 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने की सूचना है।