iGrain India - नई दिल्ली । आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक 1 जून 2024 को बढ़कर 624.23 लाख टन पर पहुंच गया जो 1 मई को उपलब्ध स्टॉक 578.62 लाख टन से 43.61 लाख टन तथा 1 जून 2023 को मौजूद स्टॉक 576.11 लाख टन से 48.12 लाख टन ज्यादा है।
मई की तुलना में जून की शुरुआत के समय चावल का स्टॉक 319.07 लाख टन से सुधरकर 325.18 लाख टन तथा गेहूं का स्टॉक 259.55 लाख टन से बढ़कर 299.05 लाख टन पर पहुंच गया।
दूसरी ओर इसी अवधि में धान का स्टॉक 293.33 लाख टन से घटकर 267.76 लाख टन तथा मोटे अनाजों का स्टॉक 4.57 लाख टन से गिरकर 3.92 लाख टन रह गया।
1 जून 2023 को केन्द्रीय पूल में 262.23 लाख टन चावल एवं 313.88 लाख टन गेहूं के साथ 576.11 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद था जबकि 1 जून 2022 को उपलब्ध कुल स्टॉक 642.62 लाख टन में चावल की मात्रा 331.20 लाख टन तथा गेहूं की मात्रा 311.42 लाख टन शामिल थी।
खरीफ कालीन धान की खरीद समाप्त हो चुकी है मगर रबी कालीन एवं जायद सीजन में उत्पादित फसल की सरकारी खरीद अभी जारी है।
खरीफ सीजन में 462.10 लाख टन चावल (इसके समतुल्य धान) खरीदा गया जबकि रबी सीजन में 31 मई तक 38.90 लाख टन चावल की खरीद हुई। चावल की कुल सरकारी 501 लाख टन के करीब पहुंच गई मगर फिर भी यह पिछले साल के 531.10 लाख टन से 5.7 प्रतिशत कम रही।
जहां तक गेहूं का सवाल है तो इसकी सरकारी खरीद पिछले साल से कुछ अधिक हुई है मगर नियत लक्ष्य से बहुत पीछे रह गई। अधिकांश राज्यों में खरीद की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है जहां जारी है वहां भी क्रय-केन्द्रों पर नगण्य मात्रा में इसकी आवक हो रही है। इसके फलस्वरूप गेहूं के सरकारी स्टॉक में अब ज्यादा इजाफा संभव नहीं हो पाएगा जबकि निकासी तेज गति से हो सकती है।