iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय दलहन आयातकों ने केन्द्र सरकार से पीली मटर आयात शुल्क लगाने का आग्रह किया है क्योंकि इसके सस्ते आयात से घरेलू बाजार में भाव नरम पड़ गया है।
दलहन आयातकों का कहना है कि पीली मटर का सस्ता आयात घरेलू बाजार की गतिशीलता को प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा यह तथ्य भी सामने आया है कि कुछ आयातक विदेशों से विशाल मात्रा में पीली मटर का आयात करके उसका स्टॉक बना रहे हैं और घरेलू बाजार में उसे उतारने से हिचक रहे हैं।
इससे सरकार का वह उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है जिसके लिए पीली मटर के आयात को शुल्क मुक्त करने का निर्णय लिया गया था। समझा जाता है कि सरकार पीली मटर के आयातकों के लिए स्टॉक विवरण का खुलासा करने के नियम को कुछ सख्त बनाने पर विचार कर सकती है।
दरअसल पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने के पीछे सरकार का उद्देश्य यह था कि इससे चना की कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी क्योंकि पीली मटर को चना का एक बेहतर विकल्प माना जाता है।
मगर 15-16 लाख टन पीली मटर का आयात होने के बावजूद चना की कीमतों पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। दिलचस्प तथ्य यह है कि अब देसी चना के आयात को भी 31 अक्टूबर 2024 तक शुल्क मुक्त कर दिया गया है।
चना का घरेलू उत्पादन कम होने तथा मांग मजबूत रहने से कीमतों का स्तर ऊंचा बना हुआ है। सरकार ने दलहन कारोबारियों को स्टॉक विवरण का खुलासा करने का निर्देश पहले ही दे दिया था जबकि अब उसे खरीद-बिक्री का विवरण सप्ताह में दो बार देना जरुरी हो सकता है।