iGrain India - नई दिल्ली । उत्तरी भारत में पूरब में पश्चिम बंगाल एवं बिहार से लेकर पश्चिम में राजस्थान तथा भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। अत्यन्त ऊंचे तापमान तथा बारिश के अभाव के कारण इन राज्यों में कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है। बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर भी घटकर काफी नीचे आ गया है।
बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मानसून के पहुंचने के बाद ही खरीफ फसलों की बिजाई जोर पकड़ेगी क्योंकि फिलहाल खेतों की मिटटी में नमी का अंश काफी घट गया है।
पंजाब में कपास की बिजाई पूरी हो चुकी है। उपरोक्त राज्यों में सब्जियों की फसल को भयंकर गर्मी से भारी नुकसान हो रहा है। महाराष्ट्र एवं गुजरात के कुछ भागों में मानसून ने दस्तक दे दिया है लेकिन अन्य क्षेत्रों में गर्मी का प्रकोप जारी है।
राजस्थान में मानसून सबसे अंत में पहुंचता है और सबसे पहले विदा भी हो जाता है मगर वहां पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से अक्सर अच्छी बारिश हो जाती है। इससे कृषि उत्पादन बेहतर होने लगा है।
देश के पूर्वोत्तर भाग में तो मानसून केरल की भांति 30 मई को ही पहुंच गया था लेकिन इसकी तीव्रता, सघनता एवं गतिशीलता बहुत कम रही और इसलिए वहां भी वर्षा का अभाव महसूस किया जा रहा है।
चूंकि इस बार देश के लगभग सभी भागों में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी है इसलिए खेतों की मिटटी अत्यन्त सख्त हो गई है और इसे बिजाई के लिए तैयार करने में किसानों को भारी कठिनाई हो रही है।
हालांकि अभी जून का पहला पखवाड़ा भी नहीं बीता है इसलिए खरीफ फसलों की बिजाई के लिए पर्याप्त समय काफी है लेकिन यदि मौसम अनुकूल होता तो उत्तरी राज्यों में अगैती बिजाई बढ़े पैमाने पर हो सकती थी।
इस बार दक्षिण भारत की हालत बेहतर है जहां केरल को छोड़कर शेष राज्यों में सामान्य औसत से अधिक वर्षा हुई है और अब भी हो रही है। इसके फलस्वरूप वहां किसानों को खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार बढ़ाने में अच्छी सहायता मिल रही है।