iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि शुरूआती 10 दिनों के एजेंडा (कार्य सूची) को प्रभावी ढंग से लागू करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
कर्नाटक से सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रहलाद जोशी को इस बार यह मंत्रालय सौंपा गया है जबकि पहले पीयूष गोयल इस मंत्रालय का दायित्व संभाल रहे थे।
खाद्य मंत्री के अनुसार पूर्व मंत्री द्वारा चिन्हित 100 दिनों के एजेंडे के लागू करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा और उम्मीद है कि इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
प्रहलाद जोशी के अनुसार "मैं प्रधान मंत्री के प्रति कृतज्ञ हूँ कि उन्होंने मुझे इस मंत्रालय में कार्य करने का अवसर दिया है जो सीधे आम लोगों से जुड़ा हुआ है और जहां हम 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त माँ खाद्यान्न उपलब्ध करवा रहे हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के बारे में मंत्री महोदय ने कहा कि इसके लिए पहले से ही एक ठोस प्रणाली प्रचलित है और वे इसे मजबूत बनाने की दिशा में निरन्तर कार्य करते रहेंगे। खाद्यान्न की नियमित आपूर्ति जारी रखी जाएगी।
खाद्य मंत्री को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इस बार रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान गेहूं की खरीद में ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं हुई और और चावल की खरीद भी गत वर्ष के साथ-साथ नियत लक्ष्य से काफी पीछे है।
घरेलू प्रभाग में खाद्य महंगाई से लोग परेशान हैं। दालों एवं खाद्य तेलों का भाव काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है जबकि इसके आयात को काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाना अनिवार्य है। अभी तक खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री शुरू करने के बारे में भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।