iGrain India - नई दिल्ली । राष्ट्रीय चीनी संस्थान के एक विशेषज्ञ ने कहा है कि वर्तमान स्तर के मुकाबले वर्ष 2026 तक अनाज से निर्मित एथनॉल की कुल आपूर्ति दोगुने से भी ज्यादा 4.66 अरब लीटर पर पहुंच जाएगी।
विशेषज्ञ के अनुसार पेट्रोल में मिश्रण के लिए एथनॉल की कुल आपूर्ति 2023-24 के सीजन में 2.08 अरब लीटर होने की संभावना है जो 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में उछलकर 4.23 अरब लीटर एवं 2025-26 के सीजन में बढ़कर 4.66 अरब लीटर पर पहुंच सकती है। इसी तरह गन्ना से निर्मित एथनॉल की आपूर्ति बढ़कर 5.50 अरब लीटर पर पहुंचने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया में एथनॉल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यहां सरकार ने वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि पेट्रोल के आयात पर खर्च होने वाली विशाल धनराशि में कुछ कटौती की जा सके।
लेकिन उद्योग- व्यापार समीक्षकों का कहना है कि एथनॉल की आपूर्ति का यह अनुमान सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगा। यह देखना आवश्यक होगा कि एथनॉल निर्माण इकाइयों को मूल कच्चे माल-शीरा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार किस तरह का कदम उठाती है।
मालूम हो कि 2023-24 सीजन के लिए सरकार ने एथनॉल निर्माण में केवल 17 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना के उपयोग की अनुमति दी है जबकि पहले इसमें 35-40 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना का इस्तेमाल होता था।
सरकार की प्राथमिकता चीनी उत्पादन बढ़ाने की है ताकि घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी रहे और कीमतों में ज्यादा उछाल न आ सके।
देखना भी आवश्यक होगा कि अक्टूबर 2024 से आरंभ होने वाले नए मार्केटिंग सीजन के दौरान देश में गन्ना तथा मक्का के उत्पादन की स्थिति कैसी रहती है और मक्का के आयात के बारे में सरकार क्या निर्णय लेती है।