iGrain India - जयपुर । देश के पश्चिमी भाग में अवस्थित एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में इस वर्ष खरीफ सीजन के दौरान ग्वार तथा नरमा (कपास) के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं जबकि मूंग, बाजरा और धान का रकबा बढ़ने के आसार हैं।
प्रगतिशील किसान श्रीपाल सारस्वत के अनुसार नरमा कपास की बिजाई 70 प्रतिशत ही हो सकी जबकि ग्वार का क्षेत्रफल भी घट रहा है।
दरअसल राज्य में इस बार मानसून-पूर्व की बारिश का अभाव रहा जिससे खासकर नहरी क्षेत्रों में कपास की बिजाई प्रभावित हुई है। किसानों ने कृत्रिम साधनों से बिजाई के लिए पानी का सीमित प्रबंध किया था।
आमतौर पर मई में अच्छी बारिश होने से किसानों को फसलों की अगैती बिजाई करने में दुविधा होती थी मगर इस बार वर्षा का अभाव रहा।
पहले यह अफवाह फैलाई गई कि ग्वार के बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन में इस वर्ष दोगुने से अधिक की बढ़ोत्तरी हो सकती है जिससे इसका भाव घटकर नीचे आ गया। ग्वार की फसल 90 से 120 दिनों में तैयार होती है।
चूंकि अक्टूबर से राजस्थान में सरसों की बिजाई बड़े पैमाने पर शुरू हो जाती है इसलिए किसान अब ग्वार का क्षेत्रफल ज्यादा बढ़ाने का प्रयास नहीं करेंगे।
कुल मिलाकर ग्वार का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के बराबर या उससे कुछ कम रह सकता है। जहां तक मूंग का सवाल है तो इसके क्षेत्रफल में भारी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है क्योंकि एक तो इसका मंडी भाव ऊंचा चल रहा है और दूसरे,
इसके एमएसपी में भी बढ़ोत्तरी होने वाली है। नरमा के क्षेत्रफल में जो कमी आई है उसमें धान, बाजरा एवं मूंग की तेजी हो सकती है। मानसून की बारिश एवं एमएसपी पर भी बिजाई निर्भर करेगी।