iGrain India - मुम्बई । स्वदेशी वनस्पति तेल- तिलहन उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र की एक अग्रणी संस्था- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) द्वारा मई 2024 में करवाए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि 2023-24 के रबी सीजन के दौरान देश में करीब 115.80 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ जो मार्च की सर्वेक्षण रिपोर्ट में लगाए गए अनुमान 120.87 लाख टन से 5.07 लाख टन कम है।
एसोसिएशन के अनुसार अल नीनो मौसम चक्र के कारण हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में फसल की प्रगति के महत्वपूर्ण चरण के दौरान बारिश का अभाव होने तथा मौसम गर्म एवं शुल्क रहने से सरसों की औसत उपज दर में कमी आ गई।
एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 सीजन के दौरान राजस्थान में 45.34 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 17.88 लाख टन, मध्य प्रदेश में 16.03 लाख टन,
हरियाणा में 11.68 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 7.09 लाख टन, गुजरात में 4.57 लाख टन, आसाम में 2.06 लाख टन एवं छत्तीसगढ़ में 1.11 लाख टन सहित कुल 105.78 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ
जबकि बिहार एवं झारखंड एवं झारखंड तथा पंजाब सहित देश के अन्य प्रांतों में 10 लाख टन से कुछ अधिक सरसों की पैदावार होने का अनुमान है। इस तरह राष्ट्रीय स्तर पर सरसों का कुल उत्पादन 115.80 लाख टन के करीब पहुंच गया।
सरसों का कुल बिजाई क्षेत्र 2023-24 के सीजन में 100.60 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया। इसके तहत सरसों का क्षेत्रफल राजस्थान में 38 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 17.76 लाख हेक्टेयर,
मध्य प्रदेश में 13.98 लाख हेक्टेयर, हरियाणा में 7.60 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 5.91 लाख हेक्टेयर, आसाम में 2.98 लाख हेक्टेयर,
गुजरात में 2.69 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 1.92 लाख हेक्टेयर तथा देश के अन्य राज्यों में 9.76 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा। राष्ट्रीय स्तर पर सरसों की औसत उपज दर 1151 किलो प्रति हेक्टेयर रही।