iGrain India - इंदौर । स्वदेशी खाद्य तेल उद्योग की एक महत्वपूर्ण संस्था - सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन के शुरूआती आठ महीनों में देश की मंडियों में कुल 89.50 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई जो पिछले सीजन की समान अवधि की आपूर्ति 91 लाख टन से कुछ कम थी।
2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 सीजन के दौरान सोयाबीन की आवक अक्टूबर में 17 लाख टन से बढ़कर 20 लाख टन पर पहुंची और नवम्बर में 20 लाख टन के समान स्तर पर रही।
दिसम्बर में यह 13 लाख टन से गिरकर 12 लाख टन, जनवरी में 11 लाख टन से फिसलकर 10 लाख टन तथा फरवरी में 10 लाख टन से घटकर 8 लाख टन रह गई।
मार्च में यह 6 लाख टन से सुधरकर 7 लाख टन पर पहुंची मगर अप्रैल में 7 लाख टन से घटकर 5 लाख टन पर आ गई। मई में सोयाबीन की आवक 7 लाख टन से सुधरकर 7.50 लाख टन पर पहुंची।
सोपा के अनुसार 2023 -24 के मार्केटिंग सीजन में 24.07 लाख टन के पिछला बकाया स्टॉक, 118.74 लाख टन के उत्पादन एवं 6 लाख टन के संभावित आयात के साथ सोयाबीन की कुल उपलब्धता 148.81 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है।
इसमें से 13 लाख टन का स्टॉक अगली बिजाई के लिए रखा गया और शेष 135.81 लाख टन का स्टॉक अन्य खपत के लिए मौजूद रहा।
इसमें से 89.50 लाख टन की आवक होने के बाद 1 जून को किसानों, व्यापारियों एवं मिलर्स के पास 45.71 लाख टन का स्टॉक बच गया।
ध्यान देने की बात है कि इस 89.50 लाख टन की कुल आवक में से 86.50 लाख टन सोयाबीन की क्रशिंग हो गई जिससे 68.26 लाख टन सोयामील का उत्पादन हुआ। इसमें से 16.41 लाख टन सोयामील का निर्यात एवं 50.95 लाख टन का घरेलू उपयोग किया गया।