iGrain India - नई दिल्ली । नियत समय से दो दिन पहले ही देश में पहुंचने तथा कुछ दिनों तक सक्रियता दिखाने के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून अब कुछ कमजोर पड़ने लगा है औअर इसके आगे बढ़ने की रफ्तार धीमी पड़ गई है।
ऐसा प्रतीत होता है कि अगले 8-10 दिनों तक मानसून कहीं ठहर सकता है। इससे खासकर उत्तरी भारत में हीट वेव एवं भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रहने की संभावना है जबकि पश्चिमोत्तर प्रांतों में भी मौसम अत्यन्त प्रतिकूल बना रहेगा।
खरीफ फसलों की बिजाई का सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ हो चुका है मगर मानसूनी वर्षा के अभाव एवं ऊंचे तापमान के करने खेत सूख जाने से किसानों को फसलों की बिजाई शुरू करने में भारी कठिनाई हो रही है। देश के अधिकांश भागों में मानसून के आने का इंतजार किया जा रहा है।
उत्तरी, मध्यवर्ती एवं पश्चिमोत्तर भारत में हीट वेव की तीव्रता और भी बढ़ने की आशंका है जिससे वहां दलहन, तिलहन एवं अनाजी फसलों की बिजाई में देर हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि खरीफ सीजन में सोयाबीन, मूंगफली, अरंडी, अरहर, उड़द, मूंग, मक्का, ज्वार, बाजरा एवं कपास सहित कई अन्य फसलों की खेती बड़े पैमाने पर होती है और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक तथा राजस्थान इसके अग्रणी उत्पादक प्रान्त हैं। खरीफ सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न-धान की रोपाई के लिए तो भारी वर्षा का होना आवश्यक है।
एक मौसम विशेषज्ञ के अनुसार अगले 8-10 दिनों तक मानसून के तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है जिससे उत्तरी भारत में इसके पहुंचने में देर हो सकती है।
इसके फलस्वरूप दिल्ली, यूपी एवं बिहार में कड़क धूप एवं विकराल गर्मी का प्रकोप बना रह सकता है। दिल्ली में पहले 23 जून को मानसून के आने का अनुमान लगाया गया था मगर अब 27 जून को इसके पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
एक विशेषज्ञ के अनुसार दक्षिण भारत में मानसून सक्रिय है और 15-16 जून तक यह पूर्वी भारत में सक्रिय हो सकता है।