iGrain India - इडुक्की । हालांकि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल के सुदूर दक्षिण भाग- कालीकट तट पर नियत समय से दो दिन पूर्व यानी 30 मई को ही पहुंच गया था जिससे इस सूखा ग्रस्त राज्य में अच्छी बारिश होने की उम्मीद की जा रही थी मगर जल्दी ही वहां मानसून सुस्त पड़ गया जिससे इलायची के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अपेक्षित बारिश नहीं हो सकी।
इससे पहले वहां मानसून- पूर्व की वर्षा भी कम हुई थी। कम वर्षा एवं ऊंचे तापमान के कारण इलायची के उत्पादन में गिरावट आने तथा दाने का आकर छोटा बना हुआ है।
उधर ग्वाटेमाला में भी खराब मौसम के कारण इलायची के उत्पादन में भारी कमी आने की संभावना है। इसके फलस्वरूप वहां दाम तेज होने लगा है। इसके प्रभाव से भारत में भी इलायची की कीमतों में तेजी आ गई है।
समझा जाता है कि शुष्क एवं गर्म मौसम के कारण भारत में इलायची फसल की तुड़ाई-तैयारी में 15-20 दिन की देर हो सकती है।
जो डीलर्स एवं दिसावरी व्यापारी पहले नए माल की जल्दी खरीफ शुरू करने का प्लान बना रहे थे उन्हें कुछ समय तक इंतजार करना पड़ सकता है।
उत्पादकों के पास भी इलायची का भारी-भरकम स्टॉक मौजूद नहीं है जबकि घरेलू बाजार में इसकी अच्छी मांग देखी जा रही है। निर्यात मोर्चे पर भी स्थिति बेहतर है।
इलायची के नए माल की आवक अब अगस्त में ही जोर पकड़ने की संभावना है जबकि पहले जुलाई से आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद की जा रही थी।