iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू प्रभाग में दाल- दलहन की बढ़ती कीमतों एवं चना के उत्पादन में आई गिरावट के कारण बाजार में समस्या बनी हुई है और आम लोगों की कठिनाई तथा सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए सरकार जल्दी से जल्दी ऑस्ट्रलिया से अतिरिक्त चना का आयात सुनिश्चित करने का प्लान बना रही है।
मालूम हो कि रूस तथा कनाडा सहित कुछ अन्य देशों से 16 लाख टन से अधिक पीली मटर का आयात पहले ही हो चुका है और अब चना का आयात बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने देसी चना तथा पीली मटर के आयात को 31 अक्टूबर 2024 तक शुष्क मुक्त कर दिया है जबकि पहले इस क्रमश: 66 प्रतिशत एवं 55 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगा हुआ था।
लेकिन पीली मटर का विशाल आयात होने के बावजूद चना के घरेलू बाजार भाव पर कोई असर नहीं पड़ा और इसका दाम ऊंचे स्तर पर ही बरकरार है। इससे सरकार को नई रणनीति पर विचार करना पड़ रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया को सूचित कर दिया है कि आगामी महीनों के दौरान वहां से चना का भारी आयात किया जा सकता है ताकि घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने में सहायता मिल सके।
उल्लेखनीय है कि भारत में दलहनों के कुल वर्षिक उत्पादन में अकेले चना का योगदान करीब 50 प्रतिशत रहता है और विशाल मात्रा में इसकी घरेलू खपत होती है। चना के उत्पादन में आई गिरावट का असर अन्य दलहनों की कीमतों पर भी देखा जा रहा है।
उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि चना दाल का औसत खुदरा मूल्य पिछले साल के 7470 रुपए प्रति क्विंटल से उछलकर चालू वर्ष में 85.80 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है।
दो दिन पूर्व यह 8760 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा था। इसी एक साल की अवधि में तुवर दाल का औसत खुदरा भाव 126.40 रुपए प्रति किलो से उछलकर 160.30 रुपए प्रति किलो हो गया। उड़द दाम का दाम भी 13.5 प्रतिशत बढ़ा है मगर मसूर दाल में सीमित वृद्धि हुई है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया से चना का आयात बढ़ाने का जो इरादा व्यक्त किया है इससे वहां उत्पादकों में अच्छा संकेत गया है और वे इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।