iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा है कि सरकार गेहूं के बाजार भाव पर गहरी नजर रख रही है। 2024 के रबी मार्केटिगं सीजन के दौरान देश में करीब 1120 लाख टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान है और केन्द्रीय पूल में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक भी उपलब्ध है।
फिलहाल गेहूं का आयात पर लागू शुल्क ढांचे में किसी तरह का परिवर्तन करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। मालूम हो कि गेहूं पर 40 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा हुआ है और फ्लोर मिलर्स तथा प्रोसेसर्स सरकार से इसे हटाने की जोरदार मांग कर रहे हैं।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अवांछित तत्वों द्वारा गेहूं का आवश्यक स्टॉक न किया जाए, बाजार में इसकी नियमित आपूर्ति होती रहे और कीमतों में स्थिरता का माहौल बना रहे।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा चालू रबी मार्केटिंग सीजन में 11 जून 2024 तक किसानों से लगभग 266 लाख टन गेहूं खरीदा गया।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं में आपूर्ति के लिए करीब 184 लाख टन गेहूं की वार्षिक आवश्यकता पड़ती है।
इस जरूरत को पूरा करने के बाद भी सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त अधिशेष स्टॉक मौजूद रहेगा और इसकी सहायता से जब भी और जहां भी जरूरत पड़ेगी, सरकार बाजार में हस्तक्षेप कर सकती है।
प्रत्येक तिमाही के लिए गेहूं के बफर स्टॉक का अलग-अलग नियम प्रचलित है। 1 जनवरी 2024 को केन्द्रीय पूल में 163.53 लाख टन गेहूं का स्टॉक उपलब्ध था जो न्यूनतम आवश्यक स्टॉक 138 लाख टन से काफी अधिक था।
किसी भी समय गेहूं का स्टॉक न्यूनतम नियत (अनिवार्य) मात्रा से नीचे नहीं आया। फिलहाल गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी हुई है और इसलिए इसके आयात शुल्क के ढांचे में बदलाव करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है।