iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि दक्षिण- पश्चिम मानसून पूर्वोत्तर भारत में काफी सक्रिय है जिससे खासकर पश्चिम बंगाल सिक्किम तथा त्रिपुरा में मूसलाधार बारिश हो रही है। इसी तरह देश के दक्षिणी राज्यों में भी वर्षा का सिलसिला जारी है।
पश्चिम भारत के कुछ भागों और खासकर, महाराष्ट्र, गुजरात एवं गोवा के कई हिस्सों में वर्षा होती रही है। लेकिन उत्तरी भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप होने से खरीफ फसलों की बिजाई में किसानों को भारी कठिनाई हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार अगले पांच-सात दिनों तक उत्तरी राज्यों में हीट वेव का प्रकोप जारी रह सकता है। दिलचस्प तथ्य यह है कि वर्षा का अभाव होने के बावजूद पंजाब में भाखड़ा बांध में जल स्तर इतना अधिक बढ़ गया कि उसके गेट को खोलने की जरूरत पड़ गई।
वहां से हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जिससे फसलों की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा और खेतों की मिटटी में नमी का अंश भी बढ़ जाएगा।
पंजाब में किसानों द्वारा कपास की बिजाई की जा चुकी है। हरियाणा तथा राजस्थान में भी इसकी बिजाई पूरी हो चुकी है। पंजाब में इस बार कपास का रकबा घटा है मगर मूंग का क्षेत्रफल बढ़ने के आसार हैं।
खरीफ सीजन के दौरान धान के अलावा ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर (तुवर), उड़द, मूंग, सोयाबीन, मूंगफली तथा कपास सहित कई अन्य फसलों की खेती होती है।
धान की रोपाई होती है जिसके लिए खेतों में पर्याप्त पानी मौजूद रहना आवश्यक है। अन्य फसलों की बिजाई के लिए सामान्य नमी की जरूरत पड़ती है।
मानसूनी वर्षा के अभाव के कारण उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में खरीफ फसलों की बिजाई में देर होने की आशंका है।