iGrain India - मास्को । एक अग्रणी कृषि परामर्श फर्म ने चालू माह (जून) के दौरान रूस से गेहूं का निर्यात बढ़कर 35-40 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है। मालूम हो कि जून वहां 2023-24 के मार्केटिंग सीजन का अंतिम महीना है जबकि अगले महीने (जुलाई) से 2024-25 का नया मार्केटिंग सीजन आरंभ हो जाएगा।
एक तो नए उत्पादन को देखते हुए रूस के किसान अपने पुराने स्टॉक के गेहूं को जल्दी-जल्दी बेचने का प्रयास कर रहे हैं और दूसरे प्रमुख आयात देशों में इसकी मांग भी मजबूत बनी हुई है।
पिछले साल जून में रूस से 36 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ था जबकि इसका पंचवर्षीय औसत आंकड़ा महज 16 लाख टन ही है। रूस के निर्यातक गेहूं के निर्यात शिपमेंट में जबरदस्त सक्रियता दिखा रहे हैं।
एक अग्रणी आयातक देश-तुर्की में 22 जून से गेहूं के आयात पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगने वाला है इसलिए उसके खरीदार भारी मात्रा में इसके आयात का प्रयास कर रहे हैं जिससे रूस से जून में गेहूं का निर्यात नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के आसार हैं।
पिछले एक माह के दौरान वैश्विक बाजार में भाव तेज होने से भी रूस के निर्यातकों को गेहूं का निर्यात बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल रहा है।
1 मई में मैटिफ एक्सचेंज में सितम्बर डिलीवरी के लिए गेहूं का वायदा भाव 14 प्रतिशत उछलकर 259 यूरो (281 डॉलर) प्रति टन पर पहुंच गया था।
पश्चिमी देशों के कॉमोडिटी एक्सचेंजों में गेहूं के वायदा मूल्य में आई तेजी के कारण फ्रांसीसी गेहूं तथा रुसी गेहूं के बीच मूल्य का अंतर बढ़ गया।
रूसी गेहूं के मुकाबले फ्रेंच गेहूं का भाव करीब 25 डॉलर प्रति टन ऊंचा हो गया जिससे रूसी गेहूं की खरीद के प्रति विदेशी आयातकों की दिलचस्पी स्वाभाविक रूप से बढ़ गई।
निर्यातकों की अच्छी लिवाली से रूस के घरेलू प्रभाग में गेहूं का भाव सुधरने लगा है। मई में 12.5 प्रतिशत प्रोटीन वाले गेहूं का दाम 3225 रूबल की बढ़ोत्तरी के साथ 14,125 रूबल प्रति टन पर पहुंच गया।
रूबल रूस की मुद्रा का नाम है। लेकिन जून में स्थिति कुछ बदल गई। 3 से 12 जून के मैटिफ एक्सचेंज में गेहूं का वायदा भाव 7 प्रतिशत गिरकर 240 यूरो (259 डॉलर) प्रति टन पर आ गया।