iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने गेहूं के आयात पर लागू सीमा शुल्क को निकट भविष्य में हटाने की संभावना से इंकार करते हुए कहा है कि इस आशय का कोई प्रस्ताव या प्लान अभी विचाराधीन नहीं है।
मंत्रालय के अनुसार देश में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है इसलिए आयात शुल्क के ढाचों में किसी बदलाव पर विचार नहीं किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रोलर फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स द्वारा सरकार से गेहूं के आयात को शुल्क मुक्त करने का बार-बार आग्रह किया जा रहा है क्योंकि मंडियों में इसकी आवक बहुत घट गई है और कीमतों में तेजी आने लगी है।
पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि घरेलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार गेहूं के आयात को प्रोत्साहित कर सकती है लेकिन पिछले दिन खाद्य मंत्रालय ने यह कहते हुए तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया कि इस तरह का अभी कोई प्लान नहीं है क्योंकि घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए केन्द्रीय पूल में तथा देश के अंदर गेहूं का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है।
लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि गेहूं आयात का विकल्प खुला रखा जा सकता है जो घरेलू बाजार भाव में तेजी पर निर्भर करेगा क्योंकि गेहूं का आयात सरकारी स्तर पर नहीं बल्कि प्राइवेट व्यापारियों द्वारा किया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि खाद्य विभाग गेहूं की कीमतों पर गहरी नजर रखे हुए हैं और वर्तमान समय में इस पर लगे आयात शुल्क के स्वरुप में कोई परिवर्तन करने पर विचार नहीं कर रहा है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर घरेलू बाजार में प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप करने के लिए सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।
चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान 11 जून 2024 तक खाद्य निगम एवं उसकी सहयोगी प्रांतीय एजेंसियों द्वारा लगभग 266 लाख टन गेहूं की खरीद की गई जबकि 1 अप्रैल 2024 को केन्द्रीय पूल में न्यूनतम बफर मात्रा से कुछ अधिक गेहूं का स्टॉक मौजूद था।