iGrain India - नई दिल्ली । गेहूं की सरकारी खरीद औपचारिक तौर पर लगभग बंद हो चुकी है जबकि 30 जून को आधिकारिक रूप से इसकी प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। पिछले साल केन्द्रीय पूल के लिए 262 लाख टन गेहूं खरीदा गया था जबकि चालू वर्ष में यह 3 लाख टन बढ़कर 265 लाख टन पहुंच जाने का अनुमान है।
इस वर्ष 1 अप्रैल को नया रबी मार्केटिंग सीजन शुरू होने के समय सरकार के पास 75 लाख टन गेहूं का पिछ्ला बकाया स्टॉक मौजूद था जबकि 265 लाख टन की खरीद के साथ इसकी कुल उपलब्धता बढ़कर 340 लाख टन पर पहुंचेगी।
इसमें से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए 183 लाख टन गेहूं का आवंटन होने की संभावना है जबकि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत तथा भारत ब्रांड आटा के लिए 82 लाख टन गेहूं की आवश्यकता (निकासी) हो सकती है।
इस तरह कुल 265 लाख टन गेहूं का उपयोग हो जाएगा और 1 अप्रैल 2025 को जब अगला नया मार्केटिंग सीजन आरंभ होगा तब केन्द्रीय पूल में पुनः 75 लाख टन गेहूं का ही अधिशेष स्टॉक बचा रह सकता है।
पिछले साल 83 लाख टन गेहूं का बकाया स्टॉक मौजूद था और 262 लाख टन की खरीद के साथ इसकी कुल उपलब्धता 345 लाख टन पर पहुंची थी।
इसमें से पीडीएस के लिए 173 लाख टन तथा ओएमएसएस एवं भारत आटा के लिए 97 लाख टन गेहूं का आवंटन किया गया। इस तरह कुल 270 लाख टन गेहूं की निकासी हुई और केन्द्रीय पूल में 75 लाख टन गेहूं का अधिशेष स्टॉक बच गया था। गेहूं के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन सरकारी स्तर पर इसका निर्यात हो सकता है।