iGrain India - मुम्बई। लगभग एक माह के अवकाश के पश्चात चालू सप्ताह के दौरान गुंटूर एवं खम्मम मंडी में लालमिर्च का कारोबार शुरू हो गया है। मगर चीन की कमजोर मांग के कारण कीमतों से आशानुरूप बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। हालांकि बांग्लादेश की लिवाली बराबर चल रही है। वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों पर किसानी माल की आवक काफी कम रह गई है। जो आवक हो रही है उसकी क्वालिटी भी काफी हल्की आ रही है। अधिकांश आवक कोल्ड के मालों की हो रही है और निर्यातक भी कोल्ड के मालों की लिवाली कर रहे हैं। वर्तमान में बांग्ला देश के व्यापारी गुंटूर मंडी से तेजा क्वालिटी की खरीदारी की खरीदारी 190/200 रुपए के भाव पर कर रहे हैं। जबकि सप्ताह के शुरू में भाव 185/190 रुपए खुला था। बाजार सूत्रों का कहना है कि वर्तमान भावों में मंदे की संभावना नहीं है। आगामी दिनों में निर्यात बढ़ने पर कीमतों में तेजी संभव है लेकिन उत्पादक केन्द्रों पर अधिक स्टॉक के कारण बाजार में अधिक तेजी की संभावना भी नहीं है। सूत्रों का मानना है कि चीन की लिवाली आने के पश्चात कीमतों में 10/15 रुपए प्रति किलो की तेजी बन सकती है।
उल्लेखनीय है कि चालू सीजन के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन लगभग 2 करोड़ बोरी का माना जा रहा है जबकि गत वर्ष उत्पादन 1.50 करोड़ बोरी के आसपास रहा था। तेलंगाना भी उत्पादन भी गतवर्ष के 55/60 लाख बोरी के मुकाबले इस वर्ष 80/85 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी- 45 किलो) होने के अनुमान लगाए गए हैं। अधिक पैदावार के कारण इस वर्ष मंडियों में लालमिर्च का स्टॉक भी गत वर्ष की तुलना में अधिक हुआ है।
आवक
जानकार सूत्रों का कहना है कि कुल उत्पादन का लगभग 80/85 प्रतिशत माल मंडियों में आ जाने के कारण मंडियों में किसानी मालों की आवक काफी कम रह गई है। गुंटूर मंडी में किसानी मालों की आवक केवल 10/15 हजार बोरी की हो रही है जबकि खम्मम एवं वारंगल में 1500/2000 बोरी की हो रही है। गुंटूर मंडी में कोल्ड के मालों की आवक 55/60 हजार बोरी एवं खम्मम एवं वारंगल में 8/10 हजार बोरी की हो रही है।
स्टॉक
चालू सीजन के दौरान उत्पादन अधिक होने के कारण उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर लालमिर्च का स्टॉक गत वर्ष की तुलना में अधिक हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लालमिर्च की प्रमुख मंडी गुंटूर में लालमिर्च का स्टॉक 65/70 लाख बोरी का माना जा रहा है जबकि तेलंगाना की खम्मम एवं वारंगल मंडी में स्टॉक 38/40 लाख बोरी होने के समाचार है।
भाव कम
वर्तमान में उत्पादक केन्द्रो की मंडियों पर लालमिर्च के भाव गत वर्ष की तुलना में लगभग 40/45 रुपए प्रति किलो नीचे चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जून माह के प्रथम पखवाड़े में गुंटूर मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव 245 रुपए चल रहा था जोकि वर्तमान में 200 रुपए बोला जा रहा है। खम्मम मंडी में भी गत वर्ष लालमिर्च तेजा का भाव 242 रुपए बोला जा रहा था जोकि वर्तमान में 200 रुपए चल रहा है।
मध्य प्रदेश
जानकार सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में लालमिर्च का रोल तैयार हो चुका है और रोपाई का कार्य चालू माह के अंत तक शुरू हो जाएगा। बेड़िया के व्यापारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष मध्य प्रदेश में लालमिर्च की बिजाई गत वर्ष की तुलना में 20/25 प्रतिशत कम रहेगी। क्योंकि गत सीजन में उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिला है। सूत्रों का मानना है कि इस वर्ष किसान हरीमिर्च की तुड़ाई करने के बाद खेतों में काबुली चना एवं कॉटन की बिजाई करेंगे। जिस कारण से लालमिर्च का उत्पादन प्रभावित होगा। गत वर्ष मध्य प्रदेश में लालमिर्च की फसल को वायरस न लगने के कारण क्वालिटी एवं उत्पादन दोनों बेहतर रहे थे। गत वर्ष मध्य प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन 40/42 लाख बोरी के आसपास रहा था।
निर्यात
चालू सीजन के दौरान लालमिर्च की कीमतें नीची रहने के कारण लालमिर्च के निर्यात में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान लालमिर्च का निर्यात 601084 टन का किया गया। जबकि वर्ष 2022-23 के दौरान निर्यात 524017 टन का रहा था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 के दौरान लालमिर्च का रिकॉर्ड निर्यात 641815 टन का हुआ था।