iGrain India - नई दिल्ली । रोलर फ्लोर मिलर्स तथा प्रोसेसर्स की जोरदार मांग को नजरअंदाज करते हुए केन्द्र सरकार ने फिलहाल गेहूं आयात पर शुल्क के ढांचे में बदलाव करने की संभावना से स्पष्ट इंकार कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि गेहूं पर लगे 40 प्रतिशत के आयात शुल्क को निकट भविष्य में समाप्त नहीं किया जाएगा।
खरीद
गेहूं की सरकारी खरीद 265-266 लाख टन पर सिमटने की संभावना है जो नियत लक्ष्य से 373 लाख टन से काफी कम है। खुले बाजार बिक्री योजना को आरंभ करने का अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स अपनी जरूरत की पूर्ति के लिए खुली मंडियों से गेहूं की खरीद का रहे हैं जहां माल की सीमित आवक हो रही है। 8 से 14 जून वाले सप्ताह के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं के दाम में मिश्रित रूख देखा गया।
दिल्ली
दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 35 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 2670/2675 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा मगर इंदौर में स्थानीय गेहूं का दाम 150 रुपए घटकर 2540/3000 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। डबरा और भोपाल में भी गेहूं की कीमत में 50 रुपए की गिरावट रही।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद नियत लक्ष्य से काफी पीछे रह गई और अब मंडियों में माल की आवक कम हो रही है। ध्यान देने वाली बात है कि इस राज्य में किसानों से 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा था जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर 125 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस भी शामिल था।
राजस्थान / उत्तर प्रदेश
राजस्थान में गेहूं का भाव आमतौर पर स्थिर रहा मगर बारां में यह 25 रुपए सुधरकर 2450/2750 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा। उत्तर प्रदेश में गेहूं का भाव हरदोई में 40 रुपए तथा गोंडा में 5 रुपए सुधर गया जबकि शाहजहांपुर में 20 रुपए तथा गोरखपुर में 50 रुपए नरम रहा। महाराष्ट्र की जालना मंडी में गेहूं का दाम 200 रुपए घटकर 2350/3300 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।
आवक
देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं की कम आवक को देखते हुए लगता है कि इसका वास्तविक उत्पादन सरकारी अनुमान से काफी कम हुआ है और बड़े-बड़े उत्पादक आगे कीमतों में और बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद से इसका स्टॉक दबाने का प्रयास कर रहे हैं।