iGrain India - मुम्बई । चीन और बांग्ला देश सहित कुछ अन्य देशों की जोरदार मांग निकलने से भारतीय लालमिर्च का निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान उछलकर 1.509 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2022-23 के कुल निर्यात 1.30 अरब डॉलर से करीब 15 प्रतिशत अधिक रहा।
भारतीय मुद्रा की दृष्टि से भी समीक्षाधीन अवधि के दौरान लालमिर्च की निर्यात आय 10,564 करोड़ रुपए से 18 प्रतिशत बढ़कर 12,492 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मात्रा की दृष्टि से भी लालमिर्च के निर्यात में 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ और इसका कुल शिपमेंट 2022-23 के 5.24 लाख टन से बढ़कर 2023-24 में 6.01 लाख टन से ऊपर पहुंच गया।
बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 की पूरी अवधि के दौरान भारत से 4..46 अरब डॉलर मूल्य के मसालों का निर्यात हुआ जिसमें अकेले लालमिर्च की भागीदारी 34 प्रतिशत या करीब 1.51 अरब डॉलर की रही।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान चीन भारतीय लालमिर्च का सबसे प्रमुख खरीदार रहा जिसने 4123 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की 1.79 लाख टन से ज्यादा लालमिर्च का आयात किया।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उसने 3408 करोड़ रुपए मूल्य की 1.57 लाख टन से कुछ ज्यादा भारतीय लालमिर्च का आयात किया था। इस तरह 2022-23 की तुलना में 2023-24 के दौरान चीन को लालमिर्च के निर्यात में मात्रा की दृष्टि से 14 प्रतिशत तथा रुपए में आमदनी की दृष्टि से करीब 21 प्रतिशत की शानदार बढ़ोत्तरी हुई।
ध्यान देने की बात है कि चीन में भारतीय लालमिर्च का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बढ़कर 1.91 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था
जो 2022-23 में घटकर 1.57 लाख टन पर आयात मगर 2023-24 में पुनः बढ़कर 1.79 लाख टन पर पहुंच गया। उल्लेखनीय है की चीन में ओलियोरेसन एक्सट्रैक्शन के लिए मुख्यत: तेजा वैरायटी की लालमिर्च मंगाई जाती है।