iGrain India - भुवनेशर । चुनावी वादे के अनुरूप छत्तीसगढ़ में इस बार किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की सरकारी खरीद की गई जबकि आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन में उड़ीसा के धान उत्पादकों को भी यह मूल्य प्राप्त हो सकता है।
दरअसल हाल ही में वहां सम्पन्न हुए विधान सभा चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा किया था और इस पर भरोसा करते हुए किसानों ने भाजपा को राज्य की सत्ता तक पहुंचाने में भारी योगदान दिया। अब सरकार से अपना वादा निभाने की उम्मीद की जा रही है।
यदि सरकार 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद करती है तो इससे प्रांतीय राजकोष पर भारी दबाव पड़ेगा और राइस मिलर्स एवं व्यापारियों की कठिनाई बढ़ जाएगी।
लेकिन अगर सरकारी खरीद मूल्य में कटौती हुई तो सरकार के खिलाफ किसानों में आक्रोश बढ़ सकता है। मध्य प्रदेश में गेहूं खरीद के मामले में इसका प्रयास सामने आ चुका है जहां किसानों को 2700 रुपए प्रति क्विंटल का मूल्य देने का वादा किया गया था मगर केवल 2400 रुपए प्रति क्विंटल का ही भुगतान किया गया।
इसके फलस्वरूप मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद नियत लक्ष्य से 40 प्रतिशत कम हुई। उड़ीसा धान-चावल का एक महत्वपूर्ण उत्पादक राज्य है और केन्द्रीय पूल में भारी मात्रा में चावल का योगदान देता है। वहां जल्दी ही खरीफ कालीन धान की खेती जोर पकड़ने की संभावना है।