iGrain India - नई दिल्ली । घरलू बाजार में तेजी से बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार तरह-तरह के नीतिगत उपाय लागू कर रही है।
इसी क्रम में सरकार चाहती है कि प्राइवेट क्षेत्र की बड़ी-बड़ी रिटेल कंपनियां तथा ऑनलाइन ग्रोसरी फर्म में अपने पास मौजूद दाल-दलहनों के स्टॉक का विवरण हरेक सप्ताह में दो बार घोषित करे। डी-लार्ट, रिलायंस (NS:RELI) रिटेल, बिग बास्केट, अमेजन तथा फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां शामिल है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने हाल ही में पिछले रिटेलर्स, होल सेलर्स, बिग रिटेल चेन्स, आयातकों प्रोसेसर्स एवं स्टॉकिस्टों को दाल-दलहनों के स्टॉक का विवरण घोषित करने का निर्देश दिया था।
अब इस निर्देश को और सख्ती से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। देश के अंदर दलहनों के अच्छे स्टॉक की उम्मीद कर रही सरकार को लगता है कि कुछ स्तर पर इसकी जमाखोरी हो रही है। कुछ आयातक भी विदेशों से दलहनों की खेप मंगाने में देरी कर रहे हैं ताकि घरेलू बाजार में भाव ऊंचा होने पर उन्हें अच्छी आमदनी हासिल हो सके।
रबी कालीन दलहनों और खासकर चना तथा मसूर की आवक का अभी पीक सीजन भी समाप्त नहीं हुआ है और विदेशों से विशाल मात्रा में पीली मात्र तथा मसूर का आयात भी हुआ है लेकिन फिर भी चना के दाम पर कोई असर नहीं दिख रहा है और इसकी कीमत ऊंचे स्तर पर ही बरकरार है। इसके फलस्वरूप केन्द्रीय एजेंसियों को इस बार अपेक्षित मात्रा में चना खरीदने का अवसर नहीं मिल सका।
तुवर एवं उड़द का दाम भी काफी ऊंचा और तेज चल रहा है जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। म्यांमार से इसका नियमित रूप से आयात हो रहा है।
अफ्रीकी देशों में तुवर का निर्यात योग्य सीमित स्टॉक बचा है और अगस्त से वहां इसकी नई फसल तैयार होकर मार्केट में आने लगेगी।
मोजाम्बिक एवं मलावी जैसे अफ्रीकी देशों में इस बार भारी वर्षा एवं बाढ़ के कारण तुवर की बिजाई लेट से हुई इसलिए फसल भी कुछ देर से आने की संभावना है।